भुवनेश्वर : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को केंद्र से इस बात का अध्ययन करने का अनुरोध किया कि देश में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के कितने बच्चे राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सफल होते हैं।

पटनायक ने 10 वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों की नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह प्रस्ताव रखा।

पटनायक के यहां जारी किए गए भाषण के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय को इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि देश भर में इन वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के कितने बच्चे नीट, आईआईटी और जेईई जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमारी प्रणालियां इन क्षेत्रों को नजरअंदाज करती रहेंगी, तो इससे वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की मदद नहीं होगी।’’

पटनायक ने कहा कि नक्सलवाद देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के प्रयासों के दौरान भी ओडिशा ने एलडब्ल्यूई गतिविधियों को रोकने की कोशिशें जारी रखीं।

मुख्यमंत्री ने कई अन्य प्रस्तावों को भी रखा, जिसमें जयपुर से मोटू तक मलकानगिरी के जरिए गुजरने वाले एनएच -326 का विस्तार कर उसे चार लेन का बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पूर्वी भारत, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्यों से दक्षिण भारत विशेष रूप से बेंगलुरु और हैदराबाद तक यातायात के लिए एक समानांतर सड़क मिलेगी। यह गलियारा यात्रा के समय को कम करने के अलावा इस क्षेत्र को बड़ा आर्थिक प्रोत्साहन भी प्रदान करेगा।’’

पटनायक ने कहा कि नक्सल प्रभावित जिले रेल नेटवर्क का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय और ओडिशा सरकार लागत साझा करके जयपुर से नबरंगपुर और जयपुर से मलकानगिरी तक रेल लाइन निर्माण का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में 6,278 गांव ऐसे हैं, जहां मोबाइल के जरिए संपर्क की सुविधा नहीं है, जो देश में सबसे बड़ी संख्या है। उन्होंने केंद्र से इन क्षेत्रों में बैंक स्थापित करने के लिए तेजी से कदम उठाने का आग्रह किया, जिसके लिए राज्य सरकार भूमि और बुनियादी ढांचा मुफ्त उपलब्ध कराएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली गतिविधियों के चरम पर होने के दौरान राज्य के 30 जिलों में से 70 प्रतिशत इससे प्रभावित थे, लेकिन ओडिशा में अब मुश्किल से तीन जिलों के कुछ हिस्से इससे प्रभावित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एलडब्ल्यूई से निपटने के अनुभव से हमने सीखा है कि पहुंच और आर्थिक समृद्धि एलडब्ल्यूई रोधी सबसे बड़ा कदम है और यह कदम व्यापक स्तर पर उठाया जाना चाहिए।’’