पुरी: ओडिशा में पुरी जिले की पिपली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए रविवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अक्टूबर 2020 में बीजू जनता दल (बीजद) विधायक प्रदीप महारथी की मृत्यु के बाद लगभग एक साल तक सीट खाली रहने के बाद यहां उपचुनाव 30 सितंबर को हुआ था। निर्वाचन आयोग ने विभिन्न कारणों से तीन बार उपचुनाव को रद्द या स्थगित कर दिया था।

इस उपचुनाव में सत्तारूढ़ बीजद के रुद्रप्रताप महारथी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आश्रित पटनायक और कांग्रेस उम्मीदवार बिस्वोकेशन हरिचंदन महापात्र सहित 10 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा। एक अधिकारी ने बताया कि पेंटाकोटा गोदाम में मतगणना केंद्र पर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।

ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एसके लोहानी ने बताया कि 72 सरकारी अधिकारी मतगणना प्रक्रिया में लगे हुए हैं।एक अन्य हॉल में डाक मतपत्र की गिनती के बाद सुबह साढ़े आठ बजे दो हॉल में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में मतों की गिनती शुरू हुई।

उन्होंने बताया कि मतगणना टेबलों पर भीड़ से बचने के लिए हॉल से सीधी जानकारी केंद्र के बाहर बड़ी स्क्रीन पर प्रसारित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मतगणना समाप्त होने के बाद पांच वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपीएटी) और ईवीएम के परिणामों का बिना क्रम में आकस्मिक तरीके से मिलान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मतगणना के लिए तीन अतिरिक्त एआरओ (अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी) नियुक्त किए गए हैं और इस प्रक्रिया की निगरानी एक चुनाव पर्यवेक्षक द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार प्रत्येक टेबल पर एक मतगणना एजेंट को नियुक्त करने के लिए अधिकृत हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘केवल निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत मीडिया कर्मियों को ही मतगणना केंद्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। उन्हें मतदान कर्मचारियों द्वारा सुरक्षा दी जाएगी। वे बिना कैमरे या किसी रिकॉर्डिंग उपकरण के मतगणना केंद्र का दौरा कर सकते हैं और इसे देखकर वापस लौट सकते हैं।’’

पिपली विधानसभा क्षेत्र को सत्तारूढ़ बीजद का गढ़ माना जाता है क्योंकि इसके सदस्य प्रदीप महारथी ने वर्ष 2000 से लगातार पांच बार इस सीट से जीत दर्ज की है। हालांकि, उपचुनाव 17 अप्रैल को होने वाला था, लेकिन मतदान से तीन दिन पहले कांग्रेस उम्मीदवार अजीत मंगराज की कोविड-19 से मृत्यु होने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था।

बाद में 13 मई और 16 मई को मतदान होना था लेकिन इसे भी टाल दिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मतगणना केंद्र के अलावा, एहतियात के तौर पर पिपली और डेलंग में सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि इन इलाकों में चुनावी हिंसा का इतिहास रहा है।