मुंबई : एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने बृहस्पतिवार को कहा कि आवास ऋण देने वाली उनकी कंपनी को कुछ समय के लिए शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) में कमी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कर्जदारों के लिए दरों में की गई वृद्धि का भार तत्काल उनपर नहीं डाल पाई है।

हालांकि, पारेख ने भरोसा जताया कि ऋण बिक्री से मिलने वाले मार्जिन में मध्यम से दीर्घावधि में स्थिरता आएगी।

गौरतलब है कि मई से रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर रेपो में दो बार में कुल 0.90 प्रतिशत की वृद्धि की है।

पारेख ने कहा कि एनआईएम पर प्रभाव एकाध तिमाही के लिए होगा। मार्च, तिमाही में एनआईएम 3.5 प्रतिशत और जून, 2021 की तिमाही में 3.7 फीसदी था।