रायचूर (कर्नाटक) : कर्नाटक में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अंतिम दिन शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि उनके परिवार का राज्य से पुराना नाता है। उन्होंने याद किया कि कैसे उनकी दादी और मां ने यहां से महत्वपूर्ण चुनाव जीते हैं।

राहुल ने रेखांकित किया कि आज राज्य में यात्रा का अंतिम दिन है। उन्होंने लोगों के सहयोग और प्रेम के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

यात्रा के 45वें दिन यहां अपने भाषण का समापन करते हुए राहुल ने कहा, ‘‘मेरे परिवार का कर्नाटक से पुराना रिश्ता है। मैं कभी नहीं भूल सकता कि आपने (जनता ने) इंदिरा गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) को (1978 में) चिकमंगलुरु से जीत दिलायी थी। मैं यह भी नहीं भूल सकता कि आपने (1999) में बेल्लारी से सोनिया गांधी को जीत दिलाई थी।’’

इसके बाद, राहुल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार और विधानसभा में पार्टी के नेता सिद्धरमैया का हाथ पकड़े मंच के बीचोंबीच आए और दोनों नेताओं के हाथ उपर उठाते हुए पार्टी संगठन में एकता का संकेत दिया।

गौरतलब है कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा में चुनाव में जीत दर्ज करके सिद्धरमैया और शिवकुमार दोनों ही मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं और दोनों नेता फिलहाल प्रदेश में पार्टी संगठन में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हुए हैं।

कांग्रेस की यह भारत जोड़ो यात्रा रविवार को पड़ोसी तेलंगाना राज्य में प्रवेश करेगी।

कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा ने 30 सितंबर को चामराजानंगारा जिले के गुंडलुपेट से कर्नाटक में प्रवेश किया और विभिन्न जिलों से गुजरते हुए यह 18 अक्टूबर से तीन दिनों के लिए पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में थी। यात्रा ने 21 अक्टूबर को रायचूर के रास्ते कर्नाटक में पुन:प्रवेश किया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर देश में घृणा और हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा, ‘‘उन्होंने भाइयों के बीच दरार डाल दी है, उन्होंने भारत को बांटने का प्रयास किया है। इसलिए हम यह ‘भारत जोड़ा यात्रा’ कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि आज के भारत के किसानों के मुताबिक, उनकी सरकार ना तो उनकी रक्षा कर रही है और ना ही मदद तथा कृषि कार्य से कोई लाभ नहीं हो रहा है।

उर्वरकों, ट्रैक्टर, कीटनाशकों और डीजल पर कर/जीएसटी के संबंध में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘किसान कहते हैं कि उन्हें जो एमएसपी (फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिलना चाहिए, सरकार वह देने को तैयार नहीं है। कर्नाटक की सड़कों पर 20-22 दिन घूमने के बाद मुझे यहां एक भी किसान खुश नहीं दिखा।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि डिग्री रहने के बावजूद युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं, लेकिन अगर किसी के पास 80 लाख रुपये हैं तो वह कर्नाटक में पुलिस उपनिरीक्षक बन सकता है।

राहुल ने यह टिप्पणी राज्य में पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती घोटाला को लेकर हुए भारी विवाद और उसकी सीआईडी जांच को पृष्ठभूमि में रखते हुए की।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार हर चीज में 40 फीसदी कमीशन लेती है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कई घोटाले हुए हैं...430 करोड़ रुपये का बोरवेल घोटाला, जिस योजना से एससी/एसटी को लाभ हो सकता था; 150 करोड़ रुपये का भोवी कॉरपोरेशन घोटाला, आंबेडकर, वाल्मिकी और बाबू जगजीवन राम विकास कॉरपोरेशन में घोटाला। कर्नाटक में सिर्फ घोटाले ही हुए हैं।’’

केरल के वायनाड से सांसद ने कहा कि देश में एक ओर भ्रष्टाचार और बेरोजगारी है, वहीं दूसरी ओर महंगाई बढ़ रही है।

घरेलू गैंस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि और हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए राहुल ने कहा, ‘‘नोटबंदी करने से लेकर जीएसटी लागू करने तक, उन्होंने (मोदी ने) करोड़ों युवाओं का रोजगार छीना है, वह रोजगार पर एक शब्द नहीं बोलते हैं।’’

किसी का नाम लिए बगैर कांग्रेस नेता ने कहा कि दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा धनी व्यक्ति भारतीय है और वह उनका (मोदी का) करीबी मित्र है। उन्होंने कहा, ‘‘एक ओर यहां दुनिया के सबसे अमीर लोग हैं और दूसरी ओर बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है।’’

हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के छह पिछड़े जिलों को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 371(जे) लागू करने का श्रेय कांग्रेस को देते हुए राहुल ने इसके कारण क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हुए विकास को रेखांकित किया।

वहीं, राहुल ने यह भी इंगित किया कि अटल बिहारी वाजपेयी नीत तत्कालीन केंद्र सरकार ने इन जिलों को विशेष दर्जा देने से इंकार कर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार इसे उपयुक्त तरीके से लागू करने में सक्षम नहीं है और बड़ी संख्या में पद अभी भी रिक्त हैं। सत्ता में आने पर हम इसे उपयुक्त रूप में लागू करेंगे।’’

दिन में राहुल गांधी ने पूर्व सैनिकों के एक समूह के साथ साथ ‘पदयात्रा’ की।