रामनगर (कर्नाटक) : जद (एस) नेता एच डी कुमार स्वामी ने शनिवार को अपने बेटे के कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना का यह कहते हुए संकेत दिया कि पार्टी कार्यकर्ता तय करेंगे कि अनीता (कुमार स्वामी की पत्नी) को यहां से उम्मीदवार होना चाहिए या निखिल कुमारस्वामी (पुत्र) को।

कुमारस्वामी ने पहले कहा था कि उनका बेटा 2023 का कर्नाटक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगा।

अनीता एच डी कुमारस्वामी की पत्नी हैं और वर्तमान में विधायक के रूप में रामनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं।

कुमारस्वामी ने कहा, “रामनगर वह स्थान है जिसने मुझे राजनीतिक जन्म दिया, यहां के लोगों ने मुझे पाला है, इसलिए यहां के लोग और पार्टी कार्यकर्ता तय करेंगे कि इस निर्वाचन क्षेत्र में किसे आगे बढ़ाना है। मैं उनके फैसले के आगे सिर झुकाऊंगा।”

यहां पत्रकारों से बात करते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “कोई भ्रम नहीं है। अनीता कुमारस्वामी के बारे में लोगों, अधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं की अच्छी राय है। वे कहते हैं कि उन्होंने अच्छा काम किया है। आखिरकार, कार्यकर्ता तय करेंगे कि अनीता कुमारस्वामी को चुनाव लड़ना चाहिए या निखिल कुमारस्वामी को, मैं इसे उनके निर्णय पर छोड़ता हूं।”

कुमारस्वामी ने इससे पहले जुलाई में कहा था कि उनके बेटे और पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष निखिल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि इसके बजाय कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे। 32 वर्षीय निखिल अभिनय के क्षेत्र से राजनीति में आये हैं और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते हैं।

ऐसा बताया गया है कि निखिल की दिलचस्पी मांड्या से अगला लोकसभा चुनाव लड़ने में है।

निखिल 2019 का लोकसभा चुनाव पार्टी के गढ़ मांड्या से भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार अभिनेत्री से राजनेता बनी सुमलता अंबरीश से हार गए थे। जद (एस) ने पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा था, क्योंकि तब दोनों पार्टियों ने मुख्यमंत्री के रूप में कुमारस्वामी के साथ गठबंधन सरकार चलाई थी।

जद (एस) को अक्सर ‘वंशवाद की राजनीति’ के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है।इसे ‘पारिवारिक पार्टी’ भी कहा जाता है, क्योंकि पार्टी संरक्षक देवेगौड़ा के परिवार के कम से कम आठ सदस्य राजनीति में हैं।