बेंगलुरू: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने श्रीलंका के नागरिकों को कथित रूप से हिरासत में लेने पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये हैं।

कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (केएसएलएसए) द्वारा 25 व्यक्तियों की ओर से एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की।

पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, कर्नाटक गृह मंत्रालय, मंगलुरु दक्षिण पुलिस और बेंगलुरु शहरी उपायुक्त को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।

जनहित याचिका के अनुसार, केंद्रीय जेल के दौरे में केएसएलएसए के सदस्य सचिव ने पाया कि श्रीलंका के 38 नागरिकों को कथित तौर पर वहां अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है। इनमें से 25 लोगों के नाम जनहित याचिका में हैं।

जनहित याचिका में दावा किया गया है कि यह हिरासत 'अवैध' है और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में इन लोगों को हिरासत केंद्रों में स्थानांतरित करने की मांग की गई है।

आरोप है कि मंगलुरु पुलिस को 25 श्रीलंकाई नागरिकों के उचित दस्तावेजों और पासपोर्ट के बिना सीपोर्ट गेस्ट हाउस में अवैध रूप से रहने की सूचना मिली थी जिसके बाद उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।