झारखंड हाई कोर्ट ने वाटर हार्वेस्टिंग के मामले में की गई कार्रवाई पर रांची नगर निगम से मांगे जवाब

High Court asked Ranchi Municipal Corporation


रांची, 6 मई (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट में रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण एवं रांची शहर के बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई सोमवार को हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रांची नगर निगम से पूछा कि रांची में जिन बहुमंजिले भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग नहीं हैं उन पर क्या कार्रवाई हो रही है? साथ ही रांची नगर निगम से मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग एवं अन्य भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर की गई कार्रवाई के संबंध में बताने को कहा है।

हाई कोर्ट ने कहा कि तीनों डैम की सफाई को लेकर निगम और सरकार संवेदनशील रहे। साथ ही निगम और सरकार से मौखिक कहा कि गर्मी में रांची शहर में पेयजल की समस्या ना हो इसका ध्यान रखा जाए। जरूरत पड़े तो टैंकरों से भी पानी उपलब्ध कराया जाए। कोर्ट ने रांची नगर निगम और राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 15 मई निर्धारित की है।

इससे पहले रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने कोर्ट को बताया कि 710 मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग में 648 मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग में वाटर हार्वेस्टिंग किया जा चुका है। वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर एनजीओ, सेल्फ हेल्प ग्रुप से भी सहायता ली जा रही है। लोगों को जागरूक करने के लिए 5000 पंफलेट और 3000 स्टीकर बांटे गए हैं। एफएम रेडियो में भी वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि रांची के तीनों डैम हटिया, कांके एवं गेतलसूद डैम से छह माह तक पानी आपूर्ति की कोई समस्या नहीं है। इसलिए गर्मी में पेयजल की समस्या नहीं होगी। भविष्य में रांची में पेयजल का संकट ना आए इसके लिए निगम और सरकार योजनाएं बना रही है। कोर्ट को यह भी बताया गया था कि कांके डैम, हटिया डैम एवं गेतलसूद डैम का झारखंड स्टेट स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से सेटेलाइट मैपिंग किया जाएगा ताकि इन तीन डैम का जल स्रोत, कैचमेंट एरिया, डैम के आसपास के अतिक्रमण आदि की जानकारी हो सके।

हिन्दुस्थान समाचार/ वंदना/चंद्र प्रकाश