शिमला : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे जबकि मुकेश अग्निहोत्री उप मुख्यमंत्री बनेंगे।

शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सुक्खू को विधायक दल का नेता चुना गया। इस बैठक में दोनों पर्यवेक्षक-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा पार्टी के राज्य प्रभारी राजीव शुक्ला मौजूद थे।

विधायक दल की बैठक के बाद शुक्ला ने बताया कि विधायकों की राय के आधार पर अलाकमान ने फैसला किया है कि सुक्खू मुख्यमंत्री और अग्निहोत्री उप मुख्यमंत्री होंगे। अग्निहोत्री पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे।

कांग्रेस आलाकमान ने नदौन से विधायक 58 वर्षीय सुक्खू के नाम पर रजामंदी दी। नयी सरकार का शपथ ग्रहण रविवार को होगा।

राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं।

विधायक दल की बैठक के बाद सुक्खू, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, बघेल, हुड्डा, शुक्ला और अग्निहोत्री ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सुक्खू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सोनिया गांधी जी, राहुल जी और प्रियंका गांधी जी का आभारी हूं। एक आम परिवार से ऊपर उठकर यहां तक पहुंचा हूं। राजीव गांधी जी ने मुझे एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, सोनिया गांधी जी ने युवा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। फिर राहुल गांधी जी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम लोगों की सेवा और व्यवस्था परिवर्तन के लिए काम करते हैं।’’

चुनाव अभियान समिति के प्रमुख रहे सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की जनता के हित में पूरी मेहनत से काम किया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद की वस्तुत: दावेदारी पेश करने वाली प्रतिभा सिंह ने कहा कि उन्हें कांग्रेस आलाकमान का फैसला स्वीकार है।

शुक्ला ने बताया कि सभी 40 विधायकों ने सर्वसम्मति से सुक्खू को अपना नेता चुना।

हुड्डा ने कहा कि शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

सुक्खू के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने उन्हें बधाई दी और कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि कांग्रेस ने लोकतांत्रिक निर्णय लिया और है और एक ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी है जो नीचे से उठकर ऊपर तक आए हैं।

सड़क परिवहन निगम के चालक के पुत्र सुक्खू एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। वह किसी समय छोटा शिमला इलाके में दूध की दुकान चलाते थे।

एनएसयूआई से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले सुक्खू संगठन में कई जिम्मेदारियों को निभाते हुए 2013 में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने और 2019 तक इस पद पर रहे।

उन्होंने पहली बार हमीरपुर जिले की नदौन विधानसभा सीट से चुनाव जीता और फिर 2007 में भी यहां से निर्वाचित हुए। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, हालांकि 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में वह फिर जीते।

वह निचले हिमाचल इलाके के पहले कांग्रेस नेता होंगे जो मुख्यमंत्री बनेंगे। प्रेम कुमार धूमल के बाद वह हमीरपुर जिले के दूसरे ऐसे नेता हैं जो मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होंगे।

हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के लिये सभी प्रमुख नेताओं के खेमों की तरफ से पुरजोर लामबंदी की जा रही थी।

शिमला में शुक्रवार (कल) शाम को हुई बैठक में विधायकों ने आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित करके पार्टी अध्यक्ष को अधिकार दिया था कि वह पार्टी विधायक दल के नेता पर फैसला करें, जो हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री होगा।

इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि पार्टी पर्यवेक्षकों को पहाड़ी राज्य में भेजा गया है, जो सभी विधायकों के विचार उनसे व्यक्तिगत रूप से मांग रहे हैं और वे उन्हें उनकी राय से अवगत कराएंगे। खरगे ने कहा था कि इसके आधार पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला होगा।

शनिवार सुबह से ही कांग्रेस विधायकों का शिमला स्थित सेसिल होटल में जमावड़ा होने लगा था, जहां पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ठहरे हुए हैं।

विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश के साथ मिली जीत के बावजूद कांग्रेस को छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निधन से उत्पन्न हुए शून्य की भरपाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पिछले कुछ दिनों से यह संकेत दे रही थीं कि वह मुख्यमंत्री पद की दावेदार हैं। उनके समर्थकों ने भी शिमला में जमकर नारेबाजी की और वीरभद्र सिंह की विरासत का सम्मान करने की मांग की थी।

अपने नाम की घोषणा से पहले सुक्खू ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मैं मुख्यमंत्री पद का आकांक्षी नहीं हूं। मैं केवल एक कांग्रेस कार्यकर्ता हूं। शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, वह मुझे मंजूर होगा।’’

इसके पहले शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में एआईसीसी के प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ पर्यवेक्षकों ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की थी और उन्हें पार्टी के विजेता विधायकों की सूची सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए समय मांगा था।