शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की शुक्रवार को यहां बैठक हुई और उन्होंने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को उनका नेता चुनने के लिए अधिकृत किया।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल प्रतिभा सिंह, मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने समर्थकों के साथ राज्य की राजधानी शिमला में पार्टी कार्यालय पहुंचे। उनके समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे लगाए।

कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट जीती है। विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को मतदान हुआ था और बृहस्पतिवार को परिणाम घोषित हुए।



बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के हिमाचल प्रदेश से जुड़े मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि एक पंक्ति का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया और अब पार्टी के पर्यवेक्षक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शनिवार को पार्टी आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

कांग्रेस पार्टी के भीतर गुटबाजी का खंडन करते हुए, शुक्ला ने कहा कि विधायक दल के नेता के पद के लिए कोई नाम सामने नहीं आया और विधायकों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि पार्टी नेतृत्व इस पर निर्णय करे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के अवसर को लेकर खुश है और लोगों को दी गई 10 गारंटियों को पूरा करने और बेहतर शासन प्रदान करने के लिए वह सब कुछ करेगी।





इससे पहले बघेल और हुड्डा के साथ राजीव शुक्ला ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें पार्टी के विजयी उम्मीदवारों की सूची सौंपी थी।

राज्यपाल से मिले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करण सिंह दलाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने सूची देते हुए कहा, 'हम राज्य में सरकार बनाने को लेकर दावा पेश करने के लिए समय मांगने आए हैं। पार्टी ने बहुमत से विधानसभा चुनाव जीता है।”

पर्यवेक्षकों के राज्यपाल से मिलने जाने से पहले प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने एक होटल के पास उनके वाहन को घेर लिया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार से होना चाहिए। इसी तरह की नारेबाजी कांग्रेस कार्यालय के बाहर भी हुई।

यह घटना तब हुई जब केंद्रीय पर्यवेक्षक शुक्ला के साथ राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने जा रहे थे।

इस बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नवनिर्वाचित विधायकों की राय जानने की कोशिश की जा रही है ताकि इस बात पर आम सहमति बने कि उनका नेता कौन होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में भेजे गए पर्यवेक्षक पार्टी के सभी विधायकों के व्यक्तिगत विचार जान रहे हैं और वे उन्हें अपनी राय बताएंगे, जिसके आधार पर पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर फैसला करेगी।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक अपराह्न तीन बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन इसमें देरी हुई क्योंकि कई विधायक पहले दूर-दराज के इलाकों से शिमला नहीं पहुंच पाए थे।

विधायक दल की बैठक से पहले मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, कांग्रेस नेता सुक्खू ने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं। मैं सिर्फ एक कांग्रेस कार्यकर्ता हूं और आलाकमान जो भी फैसला लेगा, उसे स्वीकार किया जाएगा।’’

कांग्रेस सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह (66) ने संकेत दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं।

उनके बेटे एवं शिमला ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा था, “मैं शीर्ष पद की दौड़ में नहीं हूं, लेकिन मेरी मां मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक हैं।”

उन्होंने कहा था, “सभी विजयी विधायकों की बैठक बुलाई गई है और अंतिम निर्णय आलाकमान द्वारा लिया जाएगा, जो सभी को स्वीकार्य होगा।”

सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, “विधायकों की सामूहिक इच्छा को ध्यान में रखा जाएगा और फिर पर्यवेक्षक इसे आलाकमान तक पहुंचाएंगे।”

एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, “आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह हम सबको मंजूर होगा।”

उन्होंने कहा, “हमारे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि हमने लोगों से जो वादे किए हैं, उन्हें हमें पूरा करना है और हम उसके लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में सरकार का गठन कर लिया जाएगा।