अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाएगा. वेबिनार के जरिए कई देश एक साथ योग का अभ्यास (Yoga Practice) करेंगे. योग तन, मन, व्यक्तित्व और आध्यात्मिकता का विकास करता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रोटोकॉल के तहत कुछ ऐसे आसान योग अभ्यासों का सेट बनाया गया है जिसे हर कोई कर सकता है और जो आसान भी है । आइए करें योग और बनें निरोग...

ग्रीवा शक्ति विकासक क्रिया: अपनी जगह पर खड़े हो जाएं. जो लोग खड़े होकर इस क्रिया को करने में असमर्थ हैं वे इसे बैठकर भी कर सकते हैं, जो जमीन पर नहीं बैठ सकते वे कुर्सी पर बैठकर भी इसका अभ्यास कर सकते हैं ।

कंफर्टेबल पोजीशन में खड़े होकर हाथों को कमर पर टिकाएं. शरीर को ढीला रखें. कंधों को पूरी तरह से रिलैक्स रखें. सांस छोड़ते हुए गर्दन को आगे की ओर लेकर आएं. चिन को लॉक करने की कोशिश करें।

जिन लोगों को सर्वाइकल या गर्दन में दर्द की समस्या हो वह गर्दन को ढीला छोड़ें चिन लॉक न करें. इसके बाद सांस भरते हुए गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं।

भद्रासन: भद्रासन के लिए नाक के आगे के भाग को देखते हुए ध्यान लगाएं. सांस लें और छोड़ें। भद्रासन का अभ्यास करने के बाद 5 मिनट शवासन करें, इसे करने से फोकस बढ़ता है, पाचन ठीक रहता है, अनिद्रा, सिरदर्द, कमरदर्द जैसी दिक्कतों में आराम मिलता है।

वज्रासन: वज्रासन करने के लिए सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं. गहरी सांस लें और गहरी सांस छोड़ें। धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में वापस आएं. शुरुआत में इसे 3 से 5 बार तक करें।

उष्ट्रासन: मैट पर घुटने के सहारे बैठ जाएं और कुल्हे पर दोनों हाथों को रखें. घुटने कंधो के समानांतर हो तथा पैरों के तलवे आसमान की तरफ हो, सांस लेते हुए मेरुदंड को खींचे जैसे कि नाभि से खींचा जा रहा है।

गर्दन पर बिना दबाव डालें बैठे रहें. इसी स्थिति में कुछ सांसे लेते रहें. सांस छोड़ते हुए अपने प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं. हाथों को वापस अपनी कमर पर लाएं और सीधे हो जाएं।

मकरासन: पेट के बल लेट जाएं. सिर और कंधों को ऊपर उठाएं और ठोड़ी को हथेलियों पर और कोहनियों को ज़मीन पर टिका लें। रीढ़ की हड्डी में अधिक मोड़ लाने के लिए कोहनियों को एक साथ रखें (ध्यान रहे ऐसा करने में दर्द ना हो)।

गर्दन पर अतिरिक्त दबाव हो तो कोहनियों को थोड़ा अलग करें. अगर कोहनियां ज़्यादा आगे होंगी तो गर्दन पर अधिक दबाव पड़ेगा, शरीर के करीब होंगी तो पीठ पर अधिक दबाव पड़ेगा, पूरे शरीर को हल्का छोड़ दें और आंखें बंद कर लें. इससे पेट ठीक होगा।

भुजंगासन: भुजंगासन को सर्पासन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है. इस मुद्रा में शरीर सांप की आकृति बनाता है. ये आसन जमीन पर लेटकर और पीठ को मोड़कर किया जाता है जबकि सिर सांप के उठे हुए फन की मुद्रा में होता है.

अनुलोम विलोम प्राणायाम: सबसे पहले पालथी मार कर सुखासन में बैठें. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए।

अब अनामिका उंगली से बाई नासिका को बंद कर दें. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड़ दें।

सेतुबंध आसन: इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं. इसके बाद अपने घुटनों को मोड़ें. अब गहरी सांस लेते हुए अपनी कमर को उठाएं. इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें. इस आसन को करने के दौरान धीरे धीरे सांस लें, सांस छोड़ते रहें. फिर सांस को छोड़ते हुए जमीन पर आ जाएं.

उत्तानपादासन: पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं. दोनों हथेलियों को जांघों के साथ भूमि पर स्पर्श करने दें. दोनों पैरों के घुटनों, एड़ियों और अंगूठों को आपस में सटाए रखें और टांगें तानकर रखें।

अब सांस भरते हुए दोनों पैरों को मिलाते हुए धीमी गति से भूमि से करीब डेढ़ फुट ऊपर उठाएं अर्थात करीब 45 डिग्री कोण बनने तक ऊंचे उठाकर रखें. फिर सांस जितनी देर आसानी से रोक सकें उतनी देर तक पैर ऊपर रखें।

फिर धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए पांव नीचे लाकर बहुत धीरे से जमीन पर रख दें और शरीर को ढीला छोड़कर शवासन करें. इसे 10 बार करें. इसके बाद यही प्रक्रिया एंटी- क्लॉकवाइज करें, यह आसान मोटापा घटाने में सहायक है.