चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर सोमवार को आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदेश के सिविल सचिवालय में अधिकारियों और अन्य लोगों की एक सभा को ‘‘राष्ट्रीय एकता दिवस’’ की शपथ दिलाई।

सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

देश के पहले गृह मंत्री और ‘‘भारत के लौह पुरुष’’ के रूप में प्रसिद्ध पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, खट्टर ने कहा कि 560 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने में उनकी अहम भूमिका थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता के समय, भारत 550 से अधिक रियासतों में विभाजित था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पटेल ने पहले 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोया, लेकिन तीन रियासतें रह गयीं थीं। उनके प्रयासों से हैदराबाद और जूनागढ़ को भी सफलतापूर्वक भारत संघ का हिस्सा बना लिया गया।’’

उन्होंने कहा कि जहां एक ओर, हैदराबाद और जूनागढ़ को भारतीय संघ में शामिल करने का काम पटेल को सौंपा गया था, वहीं जम्मू-कश्मीर को इसका हिस्सा बनाने की जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू को दी गई थी।

खट्टर ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के कारण अब तक तत्कालीन राज्य का भारतीय संघ के साथ पूर्ण एकीकरण नहीं हो सका था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के निर्णय लेने के साथ ही शेष कार्य भी पूरा हो गया।’’

खट्टर ने सभा में उपस्थित लोगों को ‘‘राष्ट्रीय एकता दिवस’’ की शपथ दिलाई।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच इस संदेश को फैलाने का भी प्रयास करूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने देश के एकीकरण की भावना के साथ यह शपथ लेता हूं जो सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता और कार्यों से संभव हुआ है। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान देने का भी पूरी तरह से संकल्प लेता हूं।’’