अहमदाबाद : असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस के शासनकाल में आतंकवाद पनपा और इस पर काबू नहीं पाया जा सका।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुष्टिकरण की राजनीति को समाप्त कर और पाकिस्तान को करारा जवाब देकर पिछले आठ वर्षों में आतंकवाद को जड़ से खत्म कर दिया है।

हिमंत विश्व शर्मा ने श्रद्धा वालकर हत्याकांड मामले का जिक्र करते हुए ‘‘लव जिहाद’’ की घटनाओं से निपटने के लिए कानून बनाने की मांग की।

‘‘लव जिहाद’’ दक्षिणपंथी दलों द्वारा गढ़ा गया एक शब्द है जो दावा करता है कि इसके जरिए हिंदू महिलाओं को मुस्लिम पुरुषों से शादी करने और उनका धर्मांतरण कराने की साजिश रची जा रही है।

श्रद्धा की उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने अहमदाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ कांग्रेस के शासन के दौरान आतंकवादियों द्वारा हमले बड़े पैमाने पर हुए थे। लेकिन, आज ऐसे हमले क्यों रुके हैं? क्योंकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवादियों को करारा जवाब दिया जा रहा है। ’’

शर्मा ने अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया। गुजरात विधानसभा चुनाव एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में होने वाले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 के बाद आपने देखा होगा कि आतंकवाद शब्द लगभग अप्रचलित हो गया है। कांग्रेस के शासन में आतंकवाद पर लगाम क्यों नहीं लगाई गई? ऐसा कांग्रेस पार्टी की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण हुआ। एक विशेष समुदाय के लोग आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे। जैसे ही मोदी जी ने तुष्टीकरण की राजनीति खत्म की और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, आतंकवाद भी खत्म हो गया। ’’

असम के मुख्यमंत्री ने देश में एक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन की आवश्यकता पर भी जोर दिया और दावा किया कि बी आर आंबेडकर यूसीसी के पक्ष में थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उनकी योजनाओं को रोक दिया।

अपने चुनावी घोषणापत्र में भाजपा ने गुजरात में यूसीसी कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का आकलन करने के लिए गठित एक समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया है।