पणजी : गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को कहा कि राजनीति में आने के लिए उन्होंने प्रथम श्रेणी का अधिकारी बनने का अवसर जाने दिया था और उन्होंने गोवा का मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था।

भाजपा के दिग्गज नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद सावंत ने 19 मार्च, 2019 को मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था।

पोंडा तालुका में युवाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए सावंत ने कहा, ‘‘मैंने जीवीएम उच्च माध्यमिक विद्यालय से विज्ञान पाठ्यक्रम से 12वीं पास की। मैंने प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी के पद को जाने दिया ताकि मैं राजनीति में आ सकूं।’’

सावंत ने कहा कि उन्होंने उस अवसर को सिर्फ इसलिए जाने नहीं दिया कि उनके सपने में यह आया था कि वह एक दिन विधायक या मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन निश्चित तौर पर मैंने विधायक और मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था।’’

सावंत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोग प्राय: गोवा सरकार की आलोचना करते हैं और इसमें कुछ बुराई नहीं है और उन्हें इसकी चिंता नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे इस बात की चिंता होती है कि आप यह नहीं जानते कि किस वेबसाइट पर आपको सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी मिलेगी।’’

मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे गोवा ऑनलाइन वेबसाइट पर ‘नो योर स्कीम’ वर्ग में जाकर जानकारी लें।

हाल में गोवा के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गोवा में सावंत के नजरों के सामने भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के एक नेता की टिप्पणी के बाद भी कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए थे। उन्होंने कहा था कि भाजपा की गोवा इकाई मुख्यमंत्री बदलने की योजना बना रही है। हालांकि बाद में भाजपा ने इस तरह के कदम से इनकार किया।