पणजी: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि अगले साल गोवा विधानसभा चुनाव में जीतकर अगर पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य में रुकी हुई खनन प्रक्रिया छह महीने में फिर से शुरू कर दी जाएगी।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि ‘आप’, सरकार बनने के छह महीने के भीतर आदिवासियों को जमीन का मालिकाना हक दिलवाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सोमवार को वालपोई, पोरीएम और संखालिम विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया।

गोवा के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रमोद सावंत संखालिम सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। केजरीवाल ने कहा कि सरकार बनने पर खनन उद्योग बहाल होगा और इस पर निर्भर लोगों के लिए रोजगार को प्राथमिकता देने के वास्ते ‘आप’ सरकार विशेष कानून लाएगी। गोवा में अगले साल फरवरी में होने वाले चुनाव में आदिवासियों को जमीन के अधिकार और खनन उद्योग दो बड़े मुद्दे बनकर उभरेंगे।

‘आप’ ने खनन उद्योग बहाल होने से पहले इस पर निर्भर हर परिवार को पांच हजार रुपये मासिक भत्ता देने की घोषणा की है। संखालिम निर्वाचन क्षेत्र के पाले गांव में खनन पर निर्भर लोगों से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, “मैं यहां यह समझने आया हूं कि हम खनन उद्योग कैसे बहाल कर सकते हैं। मैं यह भी जानना चाहता हूं कि पिछले 10 साल से खनन उद्योग बंद होने के बाद से आप लोगों का गुजारा कैसे हो रहा है।”

गोवा में 2012 में लौह खनन बंद हो गया था और कुछ समय के लिए फिर शुरू होने के बाद उच्चतम न्यायालय द्वारा 88 खदानों की लीज समाप्त करने के चलते 2018 में पुनः बंद कर दिया गया। गोवा में रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर आए केजरीवाल ने कहा, “अगर आप सत्ता में आती है तो हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि खनन छह महीने में बहाल हो जाये और तब तक हर निर्भर परिवार को पांच हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा।”