दुख की बात है कि लक्ष्मीकांत पारसेकर को पार्टी के बाहर जाकर चुनाव लड़ना पड़ रहा है। पार्टी पणजी के लिए ईमानदार उम्मीदवार खड़ा करे तो मुझे दिक़्क़त नहीं है। मेरे पिता ने 2 दशकों तक यहां का प्रतिनिधित्व किया और वे कुछ मूल्यों के लिए खड़े हुए हैं: मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर