पर्थ : कोविड लॉकडाउन के दौरान अपने बच्चों को व्यस्त रखने के तरीके खोज रहे माता पिता के लिए किताबें एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं। नए शोध से पता चला है कि किताबें पढ़ने से बच्चों के लिए तनाव से बचना, पात्रों में अपने रोल मॉडल तलाश करना और सहानुभूति विकसित करना आसान हो सकता है।

हाल की मीडिया खबरों में बच्चों में गंभीर भावनात्मक संकट में वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है। लॉकडाउन में अलग थलग होने और पढ़ाई में व्यवधान ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 मामलों में हालिया उछाल और लॉकडाउन को देखते हुए, माता-पिता और शिक्षक बच्चों को मनोरंजक गतिविधियों से जोड़ना चाहेंगे जो उनके स्वास्थ्य और सीखने दोनों में मदद कर सकते हैं।

साक्षरता कौशल के निर्माण में नियमित पठन की भूमिका के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है। अब, स्कूल पुस्तकालयों और सेहत पर एक बीयूपीए फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित अनुसंधान परियोजना के मेरे निष्कर्ष इस बात की समझ प्रदान करते हैं कि कैसे किताबें और पढ़ना बच्चों को महामारी की चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है।

निष्कर्ष बताते हैं कि इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान किताबें न केवल इनसे बचने का एक सशक्त साधन हो सकती हैं, बल्कि आगे भी सेहतमंद रहने के लाभ प्रदान करती हैं।

तनाव की दुनिया से बचना

हम जानते हैं कि वयस्क जो उत्साही पाठक होते हैं उन्हें पुस्तके पढ़ने और उनमें डूब जाने में आनंद मिलता है। आनंद के लिए पढ़ना मनोवैज्ञानिक संकट को कम कर सकता है और मानसिक कल्याण से जुड़ा हुआ है।

मानसिक तनाव का अनुभव करने वाले बच्चों की मदद करने के लिए पठन-आधारित उपायों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है। हाल के एक अध्ययन में, लगभग 60% युवाओं ने लॉकडाउन के दौरान पढ़ने पर सहमति व्यक्त की, जिससे उन्हें बेहतर महसूस करने में मदद मिली।

मेरी शोध परियोजना इस बात की पुष्टि करती है कि युवा अपने जीवन के दबाव से बचने के लिए किताबों और पढ़ने का उपयोग कर सकते हैं। जैसा कि एक छात्र ने कहा: ‘‘यदि आप नहीं जानते कि क्या करना है, या यदि आप दुखी हैं, या यदि आप क्रोधित हैं, या जो भी मामला है, तो आप बस पढ़ सकते हैं, और ऐसा महसूस होता है कि आप सारी समस्याओं से दूर जा रहे हैं। और आप किताब की दुनिया में जा रहे हैं, और वहां पहुंच गए हैं।

पात्रों में रोल मॉडल के साथ जुड़ना

अगर आपको पढ़ने में मज़ा आता है, तो इस बात की अच्छी संभावना है कि आपके पसंदीदा पात्र हों जो आपके दिल में जगह बना लें। परियोजना में पाया गया कि युवा लोग किताबों में रोल मॉडल ढूंढ सकते हैं और उनका अनुकरण कर सकते हैं, जो उनको मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।

एक छात्रा ने युवा पाकिस्तानी कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई की आत्मकथा पढ़ने के अपने अनुभव का वर्णन किया: ‘‘मैंने सोचा कि यह अविश्वसनीय था कि उसके साथ जो कुछ भी हुआ, बुरी तरह घायल होने के बाद भी, वह वापस आ गई और वह जिस चीज में विश्वास करती थी उसके लिए लड़ती रही।’’

अन्य शोधों ने पात्रों के साथ मानसिक स्वास्थ्य में सुधार को जोड़ा है, संभवत: पाठक में आशा पैदा करने की अपनी शक्ति के कारण। किताबों में पात्रों के साथ संबंध बनाना चिंता को कम करने के लिए खुद को खुशी देने वाले कारक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

युवा लोग टिकटॉक जैसे सोशल नेटवर्किंग स्पेस में पुस्तक के पात्रों के प्रति अपने स्नेह को प्रदर्शित करते हैं, जहां वे अपने पसंदीदा पात्रों के साथ पुस्तक यात्रा के अपने आनंद को साझा करते हैं।

पढ़ने के माध्यम से सहानुभूति विकसित करना

ईसर्च इस विचार का समर्थन करता है कि किताबें पढ़ने से सहानुभूति पैदा होती है। कथा साहित्य पढ़ने से सामाजिक अनुभूति में सुधार हो सकता है, जो हमें जीवन भर दूसरों से जुड़ने में मदद करता है। वयस्क पाठकों के साथ मेरे पिछले काम में पाया गया कि कुछ लोगों ने अन्य दृष्टिकोणों में अंतर्दृष्टि विकसित करने से प्राप्त आनंद के लिए पढ़ा, ‘‘दूसरों के नजरिए से दुनिया को देखने’’ के लिए।

जो माता-पिता यह निश्चय नहीं कर पा रहे हैं कि कौन सी किताबें उनके बच्चे की अक्सर बदलती रुचियों और जरूरतों के लिए उपयुक्त होंगी, वे स्कूल में शिक्षक पुस्तकालयाध्यक्षों से संपर्क कर सकते हैं।

लॉकडाउन के दौरान भी आमतौर पर उन्हें ईमेल या फोन कॉल के जरिए संपर्क किया जा सकता है।

परियोजना में पुस्तकालय प्रबंधकों ने छात्रों को उन पुस्तकों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनके पढ़ने से आनंद के साथ सकारात्मक सोच विकसित करने में मदद मिल सकती है।

उदाहरण के लिए, एक पुस्तकालय प्रबंधक ने समझाया कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से अपना संग्रह बनाया है कि किताबें उनके छात्रों के आदर्श चरित्र निर्माण में सहयाोग दें। उन्होंने छात्रों को उनकी रुचियों के साथ-साथ उनकी जरूरतों के आधार पर पुस्तकों के चयन के संबंध में बताया।

इस चुनौतीपूर्ण समय में, कई माता-पिता ऐसी गतिविधि की तलाश में हैं जो उनके बच्चों के शारीरिक और मानसिक कल्याण में सहायक हों। हम जानते हैं कि पढ़ना भी मजबूत साक्षरता लाभों से जुड़ा हुआ है, उन्हें उनके शिक्षक और लाईब्रेरियन के सहयोग से किताबों से जोड़ना, जीवन में आगे बढ़ते रहने का एक सही तरीका है।