नयी दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) मंकीपॉक्स रोगियों के संपर्क में आए लोगों में एंटीबॉडी की उपस्थिति की जांच करने के लिए एक सीरो-सर्वेक्षण कर सकती है। इसके साथ ही आईसीएमआर यह भी पता लगा सकती है कि उनमें से कितनों में संक्रमण के लक्षण नहीं थे।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि ऐसे लोगों का अनुपात कितना है जिनमें वायरल संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे हैं।

भारत में अब तक मंकीपॉक्स के 10 मामले सामने आ चुके हैं।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम भारत में मंकीपॉक्स से प्रभावित लोगों के करीबी संपर्क में आए लोगों के बीच एक सीरो-सर्वेक्षण कराने के बारे में सोच रहे हैं ताकि उनमें एंटीबॉडी की मौजूदगी की जांच की जा सके।’’

उन्होंने कहा कि यह पता लगाने का प्रयास है कि उनमें से कितने लोग संक्रमितों के संपर्क में आने के कारण बीमारी की चपेट में आए और उनमें लक्षण नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में चर्चा अभी बहुत शुरुआती चरण में है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स ऐसा वायरस है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है और इसके लक्षण चेचक के समान होते हैं, हालांकि यह बीमारी चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर होती है।