हैदराबाद: भारत बायोटेक के पास उसके कोविड-19 रोधी टीके की करीब पांच करोड़ खुराक रखी हैं जिनकी इस्तेमाल करने की समयसीमा अगले साल की शुरुआत में खत्म हो जाएगी और कम मांग के कारण इनका कोई खरीददार नहीं है। कंपनी के सूत्रों ने यह जानकारी दी।

टीके की मांग कम होने के कारण भारत बायोटेक ने इस साल की शुरुआत में दो खुराक वाले कोवैक्सीन टीके का उत्पादन रोक दिया था। हालांकि, इसने 2021 के अंत तक एक अरब खुराकों का उत्पादन कर दिया था।

सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भारत बायोटेक के पास थोक में कोवैक्सीन की 20 करोड़ से अधिक खुराक हैं और शीशियों में तकरीबन पांच करोड़ खुराक इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। टीके की मांग कम होने के कारण इस साल की शुरुआत में सात महीने पहले कोवैक्सीन का उत्पादन रोक दिया गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शीशियों में कोवैक्सीन की खुराकों को इस्तेमाल करने की समयसीमा 2023 की शुरुआत में खत्म होनी है जिससे कंपनी को घाटा होगा।’’

बहरहाल, अभी यह पता नहीं चला है कि अगले साल पांच करोड़ खुराकों के बेकार होने से भारत बायोटेक को कितना नुकसान होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में शनिवार को कोविड-19 के 1,082 नए मामले आए जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 15,200 रह गई। देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 219.71 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।

दुनियाभर में संक्रमण की दर कम होने के कारण कोवैक्सीन के निर्यात पर बेहद खराब असर पड़ा है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर अब कोविड-19 को खतरा नहीं माना जा रहा है।’’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस साल अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के जरिए कोवैक्सीन की आपूर्ति निलंबित करने की पुष्टि की थी और इस टीके का इस्तेमाल कर रहे देशों को उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।

वर्ष 2021 में कोविड-19 संक्रमण जब चरम पर था तो ब्राजील सरकार ने एक विवाद के बाद कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराक के आयात के अपने फैसले को निलंबित कर दिया था।