नयी दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बच्चों के समग्र एवं सर्वांगीण विकास के लिये बुनियादी शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अगले शैक्षणिक वर्ष से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध सभी स्कूलों में ‘बाल वाटिका’ से पढ़ाई शुरू की जायेगी।

प्रधान ने देश के 50 केंद्रीय विद्यालयों में पायलट परियोजना के आधार पर ‘बाल वाटिका-1’ की शुरूआत करते हुए यह बात कही ।

शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ अभी देश के हर प्रांत में स्थित कुल 50 केंद्रीय विद्यालयों में पायलट प्रारूप में बाल वाटिका की शुरूआत की जा रही है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों में बाल वाटिका की शुरूआत की जायेगी । हम राज्य सरकारों के साथ चर्चा करके उनके स्कूलों में बाल वाटिका प्रारंभ करेंगे । ’’

प्रधान ने कहा कि अगले 3-4 वर्षो में देश के सभी स्कूलों में बाल वाटिका शुरू करने का प्रयास करेंगे। यह सरकारी स्कूलों में प्ले स्कूल होगा ।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि जल्द से जल्द 3 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चे औपचारिक शिक्षा के दायरे में आ जाएं ।

मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य के करीब 4000 स्कूलों में बाल वाटिका की शुरूआत की है।

ज्ञात हो कि बाल वाटिका में खेल खेल में पढ़ाने पर ध्यान दिया गया है । इसका मकसद भाषा साक्षरता, गणितीय सोच और पर्यावरण जागरूकता से संबंधित मूलभूत दक्षताओं को विकसित करने के लिये बच्चों तक समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करना है।

बाल वाटिका का उद्देश्य बच्चों के मन से पढ़ाई का डर निकालते हुए उन्हें रोचक तरीके से शिक्षा से जोड़ना तथा उनकी मानसिक तथा बौद्धिक क्षमता का आकलन करते हुए शिक्षकों को शिक्षा प्रदान करना है।