धमतरी: आंखों पर धूल और राखड़ पड़ रहा भारी, उपचार के लिए अस्पताल पहुंच रहे लोग

Dust and ash are becoming heavy on the eyes, pe


धमतरी, 12 मार्च (हि.स.)। धमतरी शहर के लाेग धूल और राखड़ बेहाल हो गए हैं। सड़क पर उड़ती धूल, गर्दा और राखड़ लोगों की आंखों पर भारी पड़ रहा है। आंख में कचरा जाने से पीडि़त होकर प्रतिदिन 100 से अधिक लोग आंखों की जांच करवाने जिला अस्पताल एवं आंखों की अन्य निजी अस्पतालों में पहुंच रहे है। धमतरी जिले में 190 से अधिक राइस मिलें हैं, इसलिए राखड़ वातावरण में अधिक है।

धमतरी की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि प्रतिदिन अस्पताल में 150 से अधिक आंखों के मरीज अपना उपचार करने के लिए पहुंचते हैं। इनमें से 25 से 30 मरीज ऐसे होते हैं जो धूल गर्दा एवं राखड़ आँख में जाने से पीड़ित होकर एवं आंखों की एलर्जी से परेशान होकर पहुंचते हैं। आंखों में धूल या कचरा घुसने पर आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए। खरोंच आने के बाद सही उपचार न होने के कारण आंख में घाव भी हो सकता है। धूल, गर्दा और राखड़ के कारण बहुत से लोगों को आंखों में एलर्जी होती है। इससे आंखों में खुजली होती है। आंसू आता है व अन्य तकलीफें भी होती है। लोगों को सावधानी बरतते हुए साधारण चश्मा लगाकर घर से बाहर निकलना चाहिए। घर आने पर साफ पानी से आंखों को धोना चाहिए। डाक्टर की बिना सलाह के कोई भी आई ड्राप आंखों में नहीं डालना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के अतिरिक्त बठेना अस्पताल सहित आंखों छह अस्पताल और हैं। इन अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में आंखों में कचरा घुसने एवं एलर्जी से पीडि़त होकर लोग पहुंचते है। धमतरी शहर के अस्पतालों में प्रतिदिन 100 अधिक इस तरह के मरीज पहुंचते हैं।पहले की तुलना में नेशनल हाइवे के नवीनीकरण के कारण अब धूल कम हो गया है, फिर भी लोगों की आंखों में घुस रहा है। धमतरी के सिहावा रोड में जाने वाले लोगों को धुल, गर्दा के अंबार का सामना करना पड़ता है। धमतरी शहर में धूल, गर्दा एवं राखड़ उड़ने का प्रमुख कारण शहर के अंदर एवं आसपास के गांवों में राइस मिलों का होना है। कई राइस मिलों की चिमनियां छोटी है, इसलिए वहां से निकलने वाला धुआं राखड़ के रूप में हवा में फैल जाता है। जिले में 190 राइस मिल है, इसलिए वातारण में धूल, गर्दा एवं राखड़ है।



हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा