चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तीन साल पुराने मानहानि के एक मामले में बृहस्पतिवार को मानसा की एक अदालत में पेश हुए।

यह मामला आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता नजर सिंह मनशाहिया ने दायर किया था।

मनशाहिया 2019 में ‘आप’ छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने मान द्वारा उनके (मनशाहिया) कथित तौर पर पैसों के लिए पाला बदलने का दावा करने के बाद यह मुकदमा दायर किया था।

अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है।

मानसा की अदालत में पेश होने के बाद मान ने कहा कि उनके खिलाफ जब-जब समन जारी होगा, वह तब-तब अदालत में पेश होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें देश की न्यायिक प्रणाली में पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि अदालतें बेहद सम्मानजनक हैं और वह न्यायालय के हर फैसले का पालन करेंगे।

मान ने सवाल किया कि देश को दशकों से लूटने वाले लोगों के खिलाफ मानहानि के मामले क्यों नहीं दर्ज किए गए।

उन्होंने पूछा कि उन लोगों के खिलाफ ऐसे मामले क्यों नहीं दर्ज किए जा रहे हैं, जो सच्चे देशभक्तों को आतंकवादी का तमगा दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मुकदमे उन्हें पंजाब और उसके लोगों की भलाई से जुड़े फैसले लेने से नहीं रोक पाएंगे। उन्होंने कहा कि वह पंजाब के लोगों के लिए ऐसे किसी भी मुकदमे का सामना करने को तैयार हैं।

मान ने कहा कि यह विडंबना है कि जिन लोगों ने लंबे समय तक देश को बर्बाद किया है, वे अब मानहानि का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए काम करने वालों के खिलाफ हथियार के रूप में कर रहे हैं।