भुवनेश्वर, 19 अक्टूबर (भाषा) भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने पिछले सप्ताह ओडिशा और महाराष्ट्र में पत्रकारों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई की तुलना पाकिस्तान में पत्रकारों के उत्पीड़न से करके एक नये विवाद को जन्म दे दिया है।

पूर्व सांसद ने पांडा परिवार के मालिकाना हक वाली कंपनी ओटीवी के एक संवाददाता से ‘हिरासत में पूछताछ’ की निंदा करते हुए कहा कि ‘फासीवाद’ का विरोध जरूर किया जाना चाहिए।

वहीं उन्होंने रिपब्लिक टीवी के एक पत्रकार से भी अपील की है कि वह महाराष्ट्र में इसी तरह के अनुभव के बारे में आवाज उठाएं। पांडा का दावा है कि महाराष्ट्र में संबंधित पत्रकार के साथ ऐसा व्यवहार हुआ।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। यह शर्मनाक है कि महाराष्ट्र और ओडिशा की पुलिस कानून का पालन किए बगैर पाकिस्तान की तरह पत्रकारों को पकड़ रही है और उन्हें प्रताड़ित कर रही है और हिरासत में पूछताछ कर रही है। यही है वास्तविक फासीवाद। ओटीवी न्यूज के पत्रकार रमेश रथ और रिपब्लिक के प्रदीप के लिए आवाज उठाएं।’’

उन्होंने इस ट्वीट में दोनों पत्रकारों को टैग किया था।

पांडा ने दावा किया कि उचित वारंट नहीं होने के बाद भी ओडिशा पुलिस ने छापेमारी की और ओटीवी के पत्रकार से बिना कानून का पालन किए हुए पूछताछ की।

पांडा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्तारूढ़ बीजद के नेताओं ने ‘ओडिशा की तुलना पाकिस्तान’ से करने के लिए उनकी निंदा की। राज्य सभा सांसद सस्मित पात्रा ने अपने पूर्व सहकर्मी के बयान को ‘दुर्भाग्यूपर्ण’ करार दिया है।

भाजपा विधायक प्रणब प्रकाश दास ने एक बयान में कहा कि पांडा ने ‘राज्य की तुलना पाकिस्तान से करके’ राज्य का अनादर किया है।