नागरिकता अधिनियम पर ममता ने की केंद्र की आलोचना, लोगों को दिखाया डर

Mamata anerjee saidthat there is nothing tkb


कोलकाता, 12 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी कर दी है। अब यह पूरे देश में लागू हो गया है और 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम समुदाय के लोग भारत की स्थाई नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे एनआरसी से जोड़ दिया है और लोगों में इस बात का डर फैलाया है कि नागरिकता अधिनियम के साथ एनआरसी को भी जोड़ा जाएगा। ममता ने कहा कि जिनके पास दस्तावेज नहीं होंगे उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा।

ममता बनर्जी ने नागरिकता अधिनियम को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच डर फैलाने और ध्रुवीकरण के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने दावा किया कि वह किसी की भी नागरिकता नहीं जाने देंगी और इसके खिलाफ आंदोलन करेंगी। हावड़ा में संबोधन करते हुए ममता ने कहा कि केंद्र सरकार बंगाल को बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सीएए के जरिए कई लोगों की नागरिकता छीनी जाएगी। कई बच्चे अनाथ होंगे। उनकी जिंदगी नरक हो जाएगी।




उल्लेखनीय है कि नागरिकता अधिनियम केवल बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम लोगों को भारत की स्थाई नागरिकता देने के लिए है। इसका किसी की नागरिकता वापस लेने से कोई संबंध नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा/संजीव