एलुरु (आंध्र प्रदेश):  आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने मंगलवार को यहां के गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल का मुआयना किया और रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित मरीजों से बातचीत की। इस रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 347 हो चुकी है।

मंगलगिरि के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों की एक टीम ने भी अस्पताल का निरीक्षण किया और विस्तृत जांच के लिए मरीजों के रक्त के नमूने लिए। इलाज के बाद करीब 200 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है।

ज्यादातर मरीज 20-30 साल आयुवर्ग के हैं जबकि 45 बच्चे हैं जो 12 साल से कम उम्र के हैं। ऐसा संदेह है कि मच्छरों को दूर भगाने के लिए किए गए छिड़काव की वजह से बीमारी का प्रसार हुआ हो लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर किसी कारण की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसा देखा गया कि ऐंठन और मतली के लक्षणों से पीड़ित होने के बाद अचानक से पीड़ित बेहोश हो जाते हैं।

इस प्रकोप की शुरुआत एलुरु के वन टाउन क्षेत्र से हुई और रविवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। मरीजों के रक्त के नमूने लिए गए हैं और सीटी (मस्तिष्क) स्कैन किया गया है लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी अब तक बीमारी के पीछे की वजह का पता नहीं कर पाए हैं।

वहीं सेरेब्रल स्पाइनल फ्लूइड (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की स्थिति की जांच) भी समान्य पाई गई। कल्चर टेस्ट (शरीर में रोगाणु का पता लगाने की जांच) की रिपोर्ट आने के बाद हो सकता है कि समस्या की वजह पता चल सके। वहीं ई-कोली (आंत में रोगाणु का पता लगाने) जांच रिपोर्ट की भी प्रतीक्षा की जा रही है।

भाजपा सांसद जीवी एल नरसिम्हा राव ने नई दिल्ली के एम्स के विशेषज्ञों से बात करने के बाद कहा था कि जहरीले ऑर्गनोक्लोरीन, बीमारी की वजह हो सकते हैं।