अगरतला: तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से बिप्लब कुमार देब का इस्तीफा पार्टी के इस आरोप की पुष्टि करता है कि पूर्वोत्तर के राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पूरी तरह से ‘विफल’ रही है।

तृणमूल महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा खेमे को इस पर बयान देना चाहिए कि उसके केंद्रीय नेतृत्व ने अगले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री के रूप में ‘‘देब से इस्तीफा देने के लिए क्यों कहा।’’

घोष ने कहा, ‘‘अगर वे बिप्लब कुमार देब को हटाने का कारण बताने में विफल रहते हैं तो यह माना जाएगा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अपने वादों को पूरा करने में बुरी तरह नाकाम रही है।’’

उन्होंने सोमवार को कहा, ‘‘बिप्लब कुमार देब को हटाने से तृणमूल कांग्रेस के इस आरोप की पुष्टि हुई है कि भाजपा सरकार एक विफल सरकार है।’’

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देब को बदलकर सिर्फ त्रिपुरा सरकार का चेहरा बदला गया है, लेकिन ढांचा वही है।

देब के हाल ही में इस्तीफा देने के बाद माणिक साहा को त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया गया है। घोष ने यह भी दावा किया कि भाजपा पिछले कुछ महीनों में राज्य में तृणमूल के उदय से डरी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद तृणमूल अगरतला नगर निगम चुनाव में 20 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब हुई। कुछ नगर निकाय क्षेत्रों में यह आंकड़ा 24 से 25 प्रतिशत तक रहा। त्रिपुरा के लोगों की बेहतर तरीके से सेवा करने के लिए राज्य में सरकार बदलने का समय आ गया है।’’