तिरुवनंतपुरम/कोच्चि  सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में तीर्थ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफे के बीच केरल सरकार ने सोमवार को तीर्थयात्रियों की प्रतिदिन अधिकतम संख्या को 90,000 तक सीमित करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गयी।

इसके अलावा राज्य सरकार ने भगवान के दर्शन के लिए समय की अवधि एक घंटा बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।

त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष के. अनंतगोपन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बैठक के दौरान राज्य के पठानमथिट्टा जिले के सबरीमला में प्रतिदिन 90,000 श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।

टीडीबी के एक सूत्र के मुताबिक, सोमवार के लिए डिजिटल पंक्ति प्रणाली पर दर्शन के लिए कुल बुकिंग 1,19,480 है।

टीडीबी अध्यक्ष ने कहा कि बैठक में दिन के पहले पहर में दर्शन का समय तड़के तीन बजे से अपराह्न डेढ़ बजे तक और दूसरे पहर में अपराह्न तीन बजे से रात साढ़े ग्यारह बजे तक करने का फैसला किया गया।

उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर को भीड़ प्रबंधन के मुद्दों को देखते हुए समय बढ़ा दिया गया था और दैनिक संख्या सीमित कर दी गई थी।

यह फैसला रविवार को केरल उच्च न्यायालय के निर्देश के मद्देनजर भी आया है, जब एक विशेष बैठक में इसने जिलाधिकारी और पठानमथिट्टा के जिला पुलिस प्रमुख को भीड़ प्रबंधन योजना विकसित करने का आदेश दिया था। उस समय प्रति दिन अपेक्षित श्रद्धालुओं की संख्या 75,000 से अधिक थी।

सोमवार को, जब इस मुद्दे पर फिर से उच्च न्यायालय में चर्चा हुई तो राज्य सरकार द्वारा न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और पीजी अजीत कुमार की पीठ को सूचित किया गया कि नीलक्कल, पंबा और सन्निधानम में भीड़ प्रबंधन के लिए आवश्यक व्यवस्था पहले ही कर ली गई है।

अदालत को यह भी बताया गया कि मोटरसाइकिलों पर पुलिस गश्त के बजाय, जैसा कि उसके द्वारा सुझाया गया है, चार पहिया वाहनों में की जाएगी क्योंकि वाहनों में वायरलेस कनेक्टिविटी होनी चाहिए।

श्रद्धालु इस साल राज्य के पथनमथिट्टा जिले के सबरीमला में 17 नवंबर से शुरू हुई दो महीने तक चलने वाली वार्षिक मंडला-मकरविलक्कू तीर्थयात्रा के लिए जुट रहे हैं। यह यात्रा 27 दिसंबर तक चलेगी।