तिरुवनंतपुरम : केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख के. सुधाकरन की कथित ‘‘आरएसएस समर्थक’’ टिप्पणी के बाद सियासी घमासान मंगलवार को भी जारी रहा। कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के प्रमुख सहयोगियों में से एक इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने कहा कि वह अगली बैठक में इस मुद्दे को उठाएगी।

सत्तारूढ़ दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सुलह करने के प्रयासों का हिस्सा थी। आईयूएमएल और माकपा की आलोचना के बीच, कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह कभी भी अपने धर्मनिरपेक्ष रुख को कमजोर या उससे समझौता नहीं करेगी और पार्टी राज्य में केवल नेहरूवादी विचारधाराओं को बनाए रखने के लिए आगे बढ़ेगी।

विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ‘‘असुरक्षित’’ हैं और सुधाकरन के बयान उनके मन और भावनाओं में ‘अनिश्चितता’ को दर्शाते हैं। हालांकि, सुरेंद्रन ने कहा कि वह भाजपा में सुधाकरन को आमंत्रित नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस नेताओं और उसके कार्यकर्ताओं के लिए एकमात्र विकल्प है क्योंकि वह अगले लोकसभा चुनावों तक देश में हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

सुधाकरन ने सोमवार को कहा था कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एक महान नेता थे, जिन्होंने आरएसएस नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए ‘‘उदारता’’ दिखाई थी।

कांग्रेस नेता ने हाल में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि जब वह दशकों पहले कांग्रेस (संगठन) का हिस्सा थे, तो उन्होंने राज्य में आरएसएस की कुछ शाखाओं को ‘‘सुरक्षा देने’’ के लिए अपने आदमियों को भेजा था।

आईयूएमएल के महासचिव पी एम ए सलाम ने सुधाकरन की टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के बयान राज्य के लोगों के सामने आने वाले वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाएंगे और विपक्षी मोर्चे को मजबूत करने के कदमों में बाधा उत्पन्न करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि सुधाकरन के बयानों ने यूडीएफ को नुकसान पहुंचाया है। आईयूएमएल चाहता है कि यूडीएफ राज्य में मजबूत और एकजुट हो। हमारे पास यह कहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि इस तरह के अनावश्यक बयान यूडीएफ को मजबूत करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न करेंगे।’’ सलाम ने कहा कि वह यूडीएफ से जुड़े मंचों पर इस मुद्दे को उठाएंगे।

सुधाकरन की कथित ‘‘आरएसएस समर्थक’’ टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करते हुए माकपा के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने आरोप लगाया कि उन्होंने (सुधाकरन) पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को फासीवादी ताकतों के साथ गठबंधन करने वाले व्यक्ति के रूप में चित्रित करने की कोशिश की।