तिरुवनंतपुरम/नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को कहा कि उन्हें विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अध्यादेश विधानसभा सत्र बुलाये जाने के बाद अब अप्रभावी हो गया है।

सरकार ने इस महीने की शुरुआत में अध्यादेश जारी कर राज्यपाल को राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटा दिया था। उसने बाद में पांच दिसंबर से विधानसभा सत्र बुलाने का भी फैसला किया।

नाखुश दिख रहे खान ने हाल में आईं इन खबरों की भी आलोचना की कि राज भवन राज्यपाल के अतिथियों के लिए सरकार से अतिरिक्त गाड़ियों की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि क्या उन्हें अतिथियों को पैदल चलने के लिए कहना चाहिए।

खान ने नयी दिल्ली में एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर राज भवन में अतिरिक्त मेहमान आते हैं तो सरकार से अतिरिक्त वाहन मांगे जाएंगे। इसमें नयी बात क्या है? यदि राज्यपाल के अतिथि आते हैं तो क्या मुझे उन्हें पैदल चलने को कहना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब विधानसभा सत्र बुलाया गया है तो राज भवन को पहले भेजा गया कोई भी अध्यादेश अप्रभावी हो जाता है। इसलिए अब ऐसा कोई अध्यादेश नहीं है।’’

राज भवन के सामने हालिया प्रदर्शनों में कथित रूप से सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर पिनराई विजय सरकार से किसी तरह का जवाब मिलने के सवाल पर खान ने कहा कि उन्होंने कोई जवाब नहीं मांगा और ऐसा लगता है कि राज्य में कानून का उल्लंघन सामान्य बात हो गयी है।

उन्होंने कहा, ‘‘अदालत केवल एक विश्वविद्यालय के मामले में पिछले छह महीने में एक के बाद एक फैसले सुना रही है। उच्च न्यायालय ने तीन या चार फैसले सुनाये। इसलिए ऐसा लगता है कि कानून का उल्लंघन सामान्य होता जा रहा है।’’

राज्यपाल ने कहा कि वह हालात को सुधारने के लिए पर्याप्त गुंजाइश रखेंगे, लेकिन यदि कानून का सम्मान नहीं किया जाता तो राज्यपाल अंतत: किसी स्तर पर तो कार्रवाई के लिए बाध्य हैं।

खान का विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति समेत अनेक विषयों को लेकर राज्य में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) नीत सरकार के साथ गतिरोध चल रहा है।