तिरुवनंतपुरम: केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के. सुधाकरन ने मीडिया में आईं उन खबरों को “निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया है कि उन्होंने अपनी आरएसएस संबंधी कथित टिप्पणी के बाद राहुल गांधी को पत्र लिखकर पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की है।

सुधाकरन ने सोमवार को कथित तौर पर कहा था कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एक महान नेता थे, जिन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए “उदारता” दिखाई थी।

सुधाकरन ने पिछले हफ्ते यह भी कहा था कि उन्होंने दशकों पहले कन्नूर जिले में आरएसएस की 'शाखाओं' की सुरक्षा के लिए अपने लोगों को भेजा था।

सुधाकरन ने एक विस्तृत प्रेस नोट में कहा कि पत्र की सामग्री मीडिया की “कल्पना की उपज” है और फर्जी पत्र के स्रोत की जांच की जाएगी।

उन्होंने यह दावा भी किया कि पिछले कुछ दिन से मीडिया में “गैर-वास्तविक” चीजें दिखाई जा रही हैं और इस तरह की झूठी खबरें देने के पीछे एक “गुप्त मंशा” होने का संदेह है।

मीडिया के एक वर्ग में खबरें आई हैं कि सुधाकरन ने राहुल गांधी को पत्र लिखा है। इन खबरों का जिक्र करते हुए सुधाकरन ने कहा कि जो लोग कांग्रेस के संगठनात्मक मामलों के बारे में कुछ नहीं जानते, वे इस तरह की फर्जी कहानियां फैला रहे हैं।

सुधाकरन ने कहा कि अगर वह पत्र भेजना चाहते भी तो पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजते।