कोझिकोड (केरल), 14 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के एक प्रमुख सदस्य इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने सोमवार को केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख के. सुधाकरन के इस खुलासे पर आपत्ति जताई कि उन्होंने दशकों पहले आरएसएस की शाखाओं को “संरक्षण” दिया था।



मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेता और विधायक एम. के. मुनीर ने यह भी कहा कि कांग्रेस के अंदर विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग राय के मद्देनजर वाम मोर्चा चिंतित है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर चर्चा करने के लिए यूडीएफ की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जानी चाहिए और फिर एक संयुक्त रुख के साथ सामने आना चाहिए।



राज्य में पिछली यूडीएफ सरकारों में मंत्री रह चुके मुनीर ने कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि सुधाकरन ने जो कहा उस पर, और उनके कार्यों के लिए उनकी तरफ से बताए गए कारणों पर कांग्रेस आंतरिक चर्चा करेगी।

उन्होंने कोझिकोड में एक चैनल से बातचीत में कहा कि यह आवश्यक है क्योंकि कांग्रेस नेता और वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी का भी विचार था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोच रखने वालों को पार्टी छोड़ देनी चाहिए।





मुनीर ने कहा, “इसलिए उस (सुधाकरन के बयान) के संबंध में जो भी कार्रवाई की जानी है, वह कांग्रेस को करनी है।”



उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि “ शब्दों या कार्यों से, संघ को वैध बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए”।



सुधाकरन ने हाल ही में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि दशकों पहले जब वह ‘कांग्रेस (ऑर्गनाइजेशन)’ का हिस्सा थे, तो उन्होंने राज्य में संघ की कुछ शाखाओं को “संरक्षण देने” के लिए अपने आदमियों को भेजा था।



कन्नूर में एक समारोह में उन्होंने कहा था कि माकपा ने यहां एडक्कड, थोट्टाडा और किझुन्ना जैसी जगहों पर शाखाओं को नष्ट करने की कोशिश की थी और उन्होंने लोगों को इसे वाम कैडरों द्वारा नष्ट किए जाने से बचाने के लिए भेजा था।



कांग्रेस पार्टी के 1969 के विभाजन के बाद कांग्रेस (ऑर्गनाइजेशन) अस्तित्व में आई। बाद में कांग्रेस (ओ) का जनता पार्टी में विलय हो गया।

सुधाकरन ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने जो किया वह दक्षिणपंथी संगठन से जुड़ाव की वजह से नहीं किया बल्कि वह मानते हैं कि आरएसएस सहित सभी दलों को लोकतांत्रिक देश में काम करने का अधिकार है।