तिरुवनंतपुरम : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस और वामपंथी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कभी काम नहीं किया और दलित समुदायों के साथ सिर्फ वोट बैंक की तरह व्यवहार किया।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित अनुसूचित जाति सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस गायब हो रही है जबकि वामपंथी दल विलुप्त होने के कगार पर है।

शाह ने कहा, ‘‘भारत से कांग्रेस गायब हो रही है जबकि वामपंथी दल दुनिया से विलुप्त होने के कगार पर है। केरल में सिर्फ भाजपा का ही भविष्य है। कांग्रेस और वामपंथियों ने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कभी काम नहीं किया। वे उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में मानते हैं।’’

उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस ने कभी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय के किसी व्यक्ति को मंत्री बनाया।

शाह ने कहा कि जब राष्ट्रपति चुनने के लिए भाजपा के पास संसद में बहुमत था, तो उसने दलित समुदाय से रामनाथ कोविंद को चुना। उन्होंने कहा, "दूसरे मौके पर, हमने अनुसूचित जनजाति समुदाय से द्रौपदी मुर्मू को चुना।"

गृह मंत्री ने कांग्रेस और वामपंथी दलों को चुनौती दी कि वे आगे आएं और बताएं कि उन्होंने दलित समुदायों के लिए अब तक क्या किया है।

उन्होंने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए मोदी सरकार की परियोजनाओं और नीतियों को रेखांकित किया।

शाह ने कहा, "कांग्रेस के सत्ता में रहने तक आंबेडकर को भारत रत्न नहीं मिला। जब वह सत्ता से बाहर हो गई तब आंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।"

उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में पाकिस्तान का जिक्र किया और कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर कश्मीर को भारत से जोड़ दिया।

शाह ने कहा, "हमने पाकिस्तान के आतंकवादियों को उरी और पुलवामा में हमारे सैनिकों पर हमला करते देखा। कांग्रेस ने इस देश के लिए ऐसे किसी भी आतंकवादी खतरे के बारे में कभी कुछ नहीं किया। लेकिन मोदी ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करके उसे करारा जवाब दिया।"

केंद्रीय मंत्री यहां दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक में शामिल होने आए थे।