नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल में उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ रे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सीबीआई जांच की मांग के साथ-साथ राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की।

भाजपा महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिलने गए प्रतिनिधमंडल ने इसके साथ ही पश्चिम बंगाल विधानसभा को भंग करने और राष्ट्रपति कोविंद से इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की मांग की।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘हमें वहां की किसी भी एजेंसी पर कोई विश्वास नहीं है। हमने राष्ट्रपति जी से मांग की है कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, जहां पर जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं रह सकते। इसलिए इस सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। इस संबंध में राज्यपाल से रिपोर्ट मंगवानी चाहिए।’’

विजयवर्गीय के अलावा इस प्रतिनिधमंडल में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता, लोकसभा सदस्य राजू बिष्ट और भाजपा के संगठन मंत्री अरविंद मेनन शामिल थे।

विजयवर्गीय ने बाद में एक वीडियो जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रजातंत्र ‘‘सूली पर लटका’’ हुआ है। अभी तक वहां कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही थी, सांसदों को अपने क्षेत्रों में जाने नहीं दिया जा रहा था और अब जनप्रतिनिधियों की हत्या हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘और उसे आत्महत्या दिखाकर पूरा दृश्य बदला जा रहा है। मैं समझता हूं कि देश के अंदर पश्चिम बंगाल एक ऐसा अराजक राज्य हो गया है जहां की सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार को एक मिनट के लिए भी बने रहने का हक नहीं है। इसलिए विधानसभा भंग करनी चाहिए।’’

राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में पार्टी ने दावा किया है कि पिछले तीन वर्षों में 105 भाजपा कार्यकर्ताओं या समर्थकों की सत्ताधारी पार्टी द्वारा निर्मम हत्या की गई है।

ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से आग्रह किया गया कि वे पश्चिम बंगाल में हिंसा को खत्म करने और राज्य विधानसभा को भंग करने के लिए न्यायसंगत व उपयुक्‍त कदम उठाएं ताकि राज्य में न्याय व कानून व्यवस्था का राज स्थापित किया जा सके।



रे का शव सोमवार को उत्तर दिनाजपुर जिले के बिंदाल गांव में अपने घर के पास एक बंद दुकान के बाहर बरामदे की छत से लटका मिला था।

मंगलवार को जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि रे की मृत्यु फांसी लगाने के कारण हुई और उनके शरीर पर कोई अन्य चोट का निशान नहीं पाया गया।

पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि उनकी कमीज की जेब से एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उन्होंने दो लोगों को उनकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।

केंद्रीय मंत्रियों बाबुल सुप्रियो ने इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ‘‘मैन्यूफैक्चर्ड’’ बताया और कहा कि पार्टी को इस पर भरोसा नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘रे का शव घर से ढाई किलोमीटर दूर लटका मिला है। इस परिस्थिति में यदि इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराई जाती है तो हम सत्य के निकट भी नहीं पहुंच सकते। ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हमने महामहिम राष्ट्रपति से मामले की सीबीआई जांच कराने के साथ पश्चिम बंगाल विधानसभा भंग करने का भी आग्रह किया है।’’

रे ने हेमताबाद की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से माकपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने माकपा से विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया था।