देहरादून:उत्तराखंड में अब लाभार्थी से निशुल्क इलाज का सत्यापन प्रमाण-पत्र लेने के बाद ही आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों के दावों का भुगतान किया जाएगा ।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सत्यापन प्रमाणपत्र में उल्लेख होगा कि उपचार हेतु चिकित्सालय द्वारा कोई भी धनराशि नहीं ली गयी है तथा उसका उपचार पूर्णत निशुल्क किया गया है।

सत्यापन प्रपत्र में लाभार्थी यह भी प्रमाणित करेगा कि यह प्रपत्र उसके स्वयं या परिवार के सदस्य द्वारा ही भरा गया है न कि चिकित्सालय के किसी कर्मचारी द्वारा।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस संबंध में सभी चिकित्सालयों को आदेश जारी कर दिए है।

प्राधिकरण के अनुसार प्रदेश में आयुष्मान योजना के चार वर्ष की अवधि में 5. 75 लाख से अधिक रोगियों का उपचार किया गया है। हालांकि, कुछ लाभार्थियों ने समय-समय पर यह शिकायत की कि चिकित्सालयों द्वारा पूरी तरह से निशुल्क उपचार उपलब्ध नहीं कराया गया तथा उन्होंने लाभार्थी से धनराशि ली। ऐसे कई मामलों में प्राधिकरण ने लाभार्थियों से ली गयी धनराशि को चिकित्सालय से वापस कराया।