नई दिल्ली। जोशीमठ के एक बड़े हिस्से में आए दरार के मामले में जिस तरह से सरकारी बिजली कंपनी एनटीपीसी (NTPC) की तपोवन-विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है उसके बचाव में अब केंद्र सरकार भी आ गई है।

अब जबकि यह मामला राष्ट्रीय मुद्दा का रूप ले चुका है तब केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार ने 11 जनवरी, 2022 को उत्तराखंड के प्रमुख सचिव एस एस संधु को एक पत्र लिखकर एनटीपीसी की उक्त परियोजना के सदंर्भ में जानकारी उपलब्ध कराई है।

इसमें केंद्र सरकार ने एनटीपीसी की निर्माणाधीन परियोजना का परोक्ष तौर पर बचाव करते हुए कहा है कि जोशीमठ की जमीन में दरार का मामला 46 वर्ष पुराना है। इस संदर्भ में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गठित एम सी मिश्रा समिति की रिपोर्ट को भी सहारा बनाया गया है।