ट्विन टॉवर को लेकर कानूनी समस्याएँ तो रही ही हैं, पं. सतीश शर्मा के लेख से जो वास्तु शास्त्रीय विवेचन आज के अखबार में छपा है, उससे एक बात समझ में आती है कि दिल्ली में और आसपास कंकरीट का जंगल तो खड़ा हो गया परन्तु इन बिल्डिंग्स में वास्तुशास्त्र के नियमों का भी खुल कर उल्लंघन है।

हमने अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पंडित सतीश शर्मा से आग्रह किया कि वे अपना मुख्यालय जयपुर ही नहीं बनाये रखें, अपना कार्यक्षेत्र दिल्ली एवं एन.सी.आर. में भी बढ़ा दें। उन्होंने दिल्ली में अच्छे वास्तुशास्ति्रयों की कमी को स्वीकार किया।

अगली 5-6 तारीख को वे दिल्ली में रहेंगे और महिपालपुर के रेडिसन ब्लू में ठहरेंगे। जो लोग उनसे मिलना चाहें, हमसे संपर्क स्थापित करें। इच्छुक व्यक्तियों से वे कनाट प्लेस स्थित ले मेरिडियन होटल में हमारे कार्यालय में मिलेंगे। जिनका व्यापार घाटे में हैं, कर्जा अधिक है, कारखानें बिकने की स्थिति में हैं, वे सभी मिल सकते हैं।