रांची: झारखंड में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेगी, लेकिन इस दौरान राज्य सरकार द्वारा विधेयक पेश करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगी। पार्टी के नेताओं ने यह जानकारी दी।

पार्टी सचेतक बिरंची नारायण ने बताया कि रविवार देर रात पार्टी के विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया। विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्वास मत हासिल करेंगे।

लाभ के पद के मामले में सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की भाजपा की याचिका के बाद, निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्यपाल रमेश बैस को अपने फैसले से अवगत कराया, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया। हालांकि निर्वाचन आयोग के फैसले को अभी तक घोषित नहीं किया गया है, लेकिन चर्चा है कि आयोग ने विधायक के रूप में सोरेन की अयोग्यता की सिफारिश की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विश्वास मत हासिल करने के लिए विशेष सत्र आहूत करना समझ से परे है।

मरांडी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सामान्य तौर पर, राज्य सरकार तब विश्वास प्रस्ताव पेश करती है जब राज्यपाल या अदालत ऐसा आदेश देती है। लेकिन झारखंड में ऐसा नहीं है. यह स्पष्ट है कि सरकार को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी लाभ के पद के मुद्दे पर सोरेन का इस्तीफा मांगेगी।’’