श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि यदि फल लदे ट्रकों के सुगम आवागमन की इजाजत नहीं दी गई, तो वह ट्रक चालकों के साथ जम्मू-श्रीनगर मार्ग को बाधित कर देंगी। हालांकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्राकृतिक कारणों से ट्रक फंसे हुए हैं।

शोपियां में महबूबा ने कहा, ‘‘लाखों लोग फल व्यापार पर निर्भर हैं। उन्होंने दिल्ली की मंडी से पैसे लेने के अलावा कर्ज भी लिया है। मैं सरकार को आगाह करती हूं कि यदि सड़कों पर ट्रकों को चलने की अनुमति नहीं दी गई, तो मैं अन्य लोगों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दूंगी।’’

वह सेब उत्पादकों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दक्षिण कश्मीर जिले के दौरे पर थीं। सेब उत्पादक राजमार्ग पर फंसे, फल लदे ट्रकों की सुगम निकासी की मांग कर रहे हैं।

महबूबा ने कहा, ‘‘आप हमें अपने फल लाने की अनुमति नहीं दे रहे जो मंडियों में सड़ रहे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। मैं आप से अपील करती हूं और आगाह करती हूं कि कश्मीर के लोगों की परीक्षा नहीं लें।’’

महबूबा ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि आतंकवाद का अंत हो गया, लेकिन भारत सरकार ने यहां जनता और बागवानी के खिलाफ सबसे बड़ा आतंकवाद शुरू किया है। ’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार वही करने की कोशिश कर रही है जो यहूदियों ने फलस्तीनियों के साथ उन्हें आर्थिक रूप से अलग-थलग करके किया।

बहरहाल, कश्मीर के मंडलायुक्त पी के पोले ने सोमवार को कहा, ‘‘ट्रक प्राकृतिक कारणों से फंसे हैं, जिस पर किसी का वश नहीं है।’’

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से प्राप्त जानकारी के आधार पर यातायात पुलिस ने कहा कि एक सितंबर से 45,923 ट्रक (सेब लदे 17,631 ट्रक सहित) श्रीनगर से जम्मू तक सुरंग के माध्यम से पहुंचे।

यातायात पुलिस के मुताबिक सोमवार को श्रीनगर से जम्मू के लिए फिर से ट्रकों को रवाना किया गया, जबकि काजीगुंड में लगभग 2,500 ट्रक एकत्र थे। बताया गया कि कैफेटेरिया मोड़, रामबन में पत्थर गिरने के कारण मंगलवार की सुबह यातायात थम गया था, लेकन सड़क साफ होने के बाद दोपहर बाद ट्रकों की आवाजाही संभव हो सकी।