नई दिल्ली: तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है।

इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ट्रैक्टर परेड भी निकाल रहे हैं। दिल्ली के टीकरी बॉर्डर से किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकालनी शुरू कर दी है। वहीं,  ट्रैक्टर परेड के लिए सिंघु बॉर्डर से भी किसान निकल चुके हैं। बताजा रहा है कि किसान संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ बढ़ रहे हैं। 

 टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।

मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया। वहीं, दिल्ली लंबे समय के बाद टीकरी बॉर्डर का नजारा सोमवार को कुछ बदला-बदला नजर आया। सोमवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ा बार्डर पर बदलाव भी होता चला गया और देर शाम तक दिल्ली आने वाले रास्ते को लगभग साफ कर दिया गया था।

ताकि, ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसी तरह का व्यवधान पैदा न होने पाए। सड़क साफ करने के साथ ही पुलिस ने रणनीतिक रूप से सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कंक्रीट के डिवाइडरों को सड़क के किनारे ही रखा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने किसानों को बार्डर पार करने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए हुए थे। सोमवार को दिल्ली पुलिस के जवान ही किसान नेताओं के वाहनों को रास्ता देते नजर आए। दिनभर कभी पुलिस तो कभी किसानों की गाड़ियां बहादुरगढ़ से दिल्ली तो कभी दिल्ली से बहादुरगढ़ की ओर आती-जाती नजर आईं।

कुछ लोगों को लगा कि अब यहां सबकुछ सामान्य होने ही वाला है, लेकिन जब लोगों को पता चला कि किसान नेताओं व दिल्ली पुलिस अधिकारियों के बीच वार्ता में शामिल होने वाले चु¨नदा किसान नेताओं के लिए ही फिलहाल आवाजाही में छूट है तो लोग निराश होने लगे। हालांकि इस सीमित छूट को भी लोग सकारात्मक प्रयास करार दे रहे हैं।टीकरी बार्डर के नजारे में बदलाव न सिर्फ दिल्ली की ओर बल्कि हरियाणा की ओर भी नजर आया। दिल्ली की ओर पुलिस ने तो हरियाणा की ओर किसानों ने डेरा डाला हुआ है। बार्डर पर हरियाणा की ओर बना मंच सोमवार को पूरी तरह खाली था। पहले मंच से किसान नेताओं के संबोधन का दौर पूरे दिन चलता था। इसी तरह मंच के सामने जो भीड़ रहती थी, वह भी नहीं थी।