नयी दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी के अनुसंधानकर्ताओं ने एयरोस्पेस और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मिश्रित सामग्री की विफलता की संभावना का आकलन करने के नई प्रतिमान (मॉडलिंग) विधियां विकसित की हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने इसके लिए एयरोस्पेस और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली मिश्रित सामग्री की विफलता और अन्य यांत्रिक गुणों के संबंध में पूर्वानुमान लगाने के लिए ‘मशीन लर्निंग टूल्स’ और अत्याधुनिक नमूना तकनीकों के संयोजन का उपयोग किया है।

अनुसंधानकर्ताओं के दल ने बताया कि इन उपकरणों का संयोजन इन सामग्रियों की विफलता का पूर्वानुमान लगाने में ‘मोंटे कार्लो सिमुलेशन’ जैसी कई संभाव्यता तकनीकों से अधिक सक्षम है।

इस अनुसंधान के परिणाम ‘कम्पोजिट स्ट्रक्चर्स’ पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं।

आईआईटी गुवाहाटी के असिस्टेंट प्रोफेसर नेल्सन मुथे ने कहा, ‘‘मिश्रित सामग्री दो या दो से अधिक घटकों से मिलकर बनी होती है और सभी प्रकार के एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल और निर्माण अनुप्रयोगों में इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।’’

उन्होंने बताया कि विशेष विमान संरचनाओं को बनाने के लिए एयरोस्पेस में फाइबर आधारित विशेष मिश्रित सामग्री का उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि मिश्रित सामग्रियों के इतने व्यापक स्तर पर इस्तेमाल के बावजूद कई समस्याओं के कारण इनके असफल होने की आशंका बनी रहती है।

मुथु ने कहा, ‘‘हमें इन असफलताओं को समझने एवं उनका पूर्वानुमान लगाने की आवश्यकता है और कई कारकों पर निर्भर गुणों संबंधी पूर्वानुमान के लिए केवल एकल सिमुलेशन कोड पर आश्रित होना अवास्तविक है।’’