वाशिंगटन,: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमन सिन्हा ने कहा कि भारत को एक नई वैश्विक ताकत के रूप में देखा जा रहा है और वह संघर्षों से घिरी दुनिया के लिए आशा की एक किरण है।

सर्वोच्च न्यायालय के वकील सिन्हा भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से संबंधित समारोहों में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका यात्रा पर आए थे। इस दौरान उन्होंने वाशिंगटन डीसी, बोस्टन, डलास और लॉस एंजिलिस सहित कई शहरों की यात्रा की।

सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ पूरी दुनिया भारत को एक नई वैश्विक ताकत के तौर पर देख रही है और इस परिवर्तनकारी बदलावों की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है।’’

सिन्हा ने नीति निर्माताओं, व्यवसायों और सांसदों सहित कई अमेरिकियों के साथ बातचीत के बाद कहा, ‘‘आज भारत उत्साह से भरा है। भारत आज दुनिया के लिए आशा की एक किरण बना है जो इस समय संघर्षों से घिरी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारत के दूरदर्शी नेतृत्व की अमेरिकी व्यवसायियों, अमेरिकी सांसदों ने काफी सराहना की है, जिसने भारत के बारे में पहले से कायम धारणा को पूरी तरह से बदल दिया है। हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन कर उभरे हैं। हम आने वाले कई वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।’’

वहीं, भाजपा के प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने न केवल भारत की विविधता को बढ़ावा दिया है, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भी व्यापक योगदान दिया है। उन्होंने भारतीय प्रवासी को दोनों देशों के संबंधों में ‘‘सेतु’’ भी बताया।

पासवान ने अपनी नई किताब ‘मेकर्स ऑफ मॉडर्न दलित हिस्ट्री’ के प्रचार के लिए हाल में अमेरिका के कई शहरों की यात्रा की। उन्होंने न्यूयॉर्क में हाल में आयोजित ‘जयपुर साहित्य महोत्सव’ में भी हिस्सा लिया था।

पासवान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भारतीय प्रवासी ने यहां जो योगदान दिया है उसके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है। जैसे प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे हमारे असली राजदूत हैं। वे यहां आए और फिर उन्होंने अपना प्रभुत्व कायम किया।’’

पासवान ने कहा कि आज ‘गूगल’ और ‘माइक्रोसॉफ्ट’ सहित शीर्ष कई प्रमुख कंपनियों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भारतीय-अमेरिकी हैं। भारतीयों की संख्या कम हो सकती है, लेकिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उनकी हिस्सेदारी ‘‘बहुत बड़ी’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस रिश्ते को आगे भी कायम रखेंगे... जब दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध बनाने की बात आती है तो हम और अधिक सार्थक सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं। हम यहां अपने समुदाय को दोनों देशों के बीच एक पुल के रूप में देखते हैं।’’