ईटानगर : केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुणाचल प्रदेश को पूर्वी एशिया का प्रमुख प्रवेश द्वार बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की कार्य संस्कृति ने पिछले आठ वर्षों में क्रांतिकारी परिवर्तन देखा है। मंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप अब पूर्वोत्तर में परियोजनाएं एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरी हो रही हैं और केंद्रीय धन का उपयोग शत-प्रतिशत हो रहा है।

सिंह ने कहा, ‘‘हर राज्य रेलवे द्वारा राष्ट्रीय राजधानी से जुड़ा हुआ है और आठ राज्यों में से प्रत्येक में हवाई अड्डा है, जबकि गुवाहाटी एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में बदल गया है।’’

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ यहां ‘‘नागरिकों और प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से सरकार को करीब लाना’’ विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, सिंह ने कहा कि 2014 से पहले, पूर्वोत्तर क्षेत्र को केंद्र सरकारों की अदूरदर्शी नीतियों के कारण आर्थिक रूप से नुकसान हुआ था।

सिंह ने कहा कि लेकिन 2014 में मोदी नीत सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अरुणाचल प्रदेश को पूर्वी एशिया का प्रमुख प्रवेश द्वार बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में अरुणाचल की भूमिका को देखते हुए आधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना की गई है। कुदरत ने अरुणाचल को प्रचुर संसाधन दिए हैं और केंद्र भी अरुणाचल की पर्यटन क्षमता से पूरी दुनिया को वाकिफ कराने की कोशिश कर रहा है।’’

सिंह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में न केवल विकास की राह में आने वाली कमियों को सफलतापूर्वक पाट दिया गया है, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का भी मनोबल ऊंचा हुआ है। मंत्री ने कहा कि सड़क, रेल और हवाई संपर्क की बेहतरी से ना केवल क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में सामान का आवागमन और लोगों की आवाजाही बेहतर हुई है।

उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा आयोजित ईटानगर सम्मेलन से पूर्व अगस्त, 2019 में मेघालय में आयोजित ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था जब ई-गवर्नेंस पर ‘शिलांग घोषणापत्र’ को अपनाया गया।

कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार सिंह ने बताया कि प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने अरुणाचल प्रदेश सरकार और ‘सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस’, हैदराबाद के सहयोग से राष्ट्रीय सुशासन की तर्ज पर पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए पहला जिला सुशासन सूचकांक विकसित किया है।

उन्होंने कहा कि डीएआरपीजी मासिक आधार पर राज्य के प्रत्येक जिले की रैंकिंग की निगरानी और राज्य के भीतर मानक प्रदर्शन में मदद के लिए जिला सुशासन पोर्टल विकसित करने को लेकर अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ सहयोग करने की भी योजना बना रहा है।