हैदराबाद : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दावा किया कि अगले 30-40 वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का युग रहेगा और भारत ‘विश्वगुरु’ बनेगा। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और पश्चिम बंगाल सहित उन सभी राज्यों में भी भाजपा की सरकारें बनेंगी, जहां पार्टी अभी तक सत्ता से दूर है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की यहां संपन्न बैठक के दौरान पारित राजनीतिक प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए शाह ने जातिवाद, वंशवाद और तुष्टीकरण की राजनीति को समाप्त करने का आह्वान किया और हाल के विधानसभा और विभिन्न उपचुनावों में पार्टी को मिली जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भाजपा की ‘‘विकास और बेहतर प्रदर्शन की राजनीति’’ पर जनता की मुहर है।

उन्होंने दक्षिण भारत को भाजपा के उभार के दौर का नया क्षेत्र बताया और कहा कि वर्तमान राजनीति में देश के विपक्षी दल बिखरे हुए हैं।

विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर करारा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी में उसके ही सदस्य लोकतंत्र स्थापित करने के लिए लड़ रहे है लेकिन ‘‘गांधी परिवार’’ डर के कारण अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं करा रहा है।

शाह के संबोधन से जुड़े अंशों को मीडिया से साझा करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

सरमा ने शाह के हवाले से कहा, ‘‘सुरक्षित और समृद्ध भारत के लिए 30 से 40 साल तक देश में और राज्यों में भाजपा सरकार की आवश्यकता है।’’

शाह के भाषण के अंशों को जब उन्होंने अंग्रेजी में पत्रकारों से साझा किया तो कहा, ‘‘अगले 30 से 40 साल तक देश में भाजपा का युग रहेगा और भारत विश्व गुरु बनेगा, वह भी भाजपा के ही राज में।’’

राजनीति में जातिवाद, वंशवाद और तुष्टीकरण को ‘‘बहुत बड़ा अभिशाप’’ बताते हुए शाह ने कहा कि देश को इतने साल तक जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, उसकी जड़ में यही सब थे। उन्होंने देश की राजनीति से वंशवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण को उखाड़ फेंकने का आह्वान भी किया।

सरमा के मुताबिक शाह ने कहा, ‘‘विपक्ष आज बिखरा हुआ है। कांग्रेस में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए उसके ही सदस्य लड़ाई कर रहे हैं, गांधी परिवार डर के कारण अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं करा रहा है।’’

शाह ने कहा कि आज कांग्रेस हताशा और निराशा में केंद्र सरकार की हर कल्याणकारी योजना का विरोध करती है, वह चाहे सर्जिकल स्ट्राइक और एअर स्ट्राइक हो, कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करना हो या फिर कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण हो।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को 'मोदी फोबिया' हो गया है। वह देशहित के हर निर्णय का विरोध करने लगी है। कांग्रेस पूरी तरह से हताश और निराश है।’’

शाह ने हाल के दिनों में हुई कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में राजनीतिक हिंसा का दौर समाप्त होना चाहिए।

शाह ने अपने संबोधन के दौरान गुजरात दंगों पर उच्चतम न्यायालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट का उल्लेख किया और इसे ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि राजनीति से प्रेरित इस मामले के खिलाफ मोदी ने 19 साल तक लड़ाई लड़ी लेकिन एक शब्द मुंह से नहीं निकाला।

उन्होंने कहा, ‘‘भगवान शंकर की तरह उन्होंने (मोदी) विष गले में उतार लिया। एसआईटी की पूछताछ का सामना किया। अपमान सहा लेकिन संविधान के प्रति निष्ठा कायम रखी।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनसे हुई पूछताछ के दौरान कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर ‘‘ड्रामा’’ किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने कांग्रेस की तरह ड्रामा नहीं किया। परिस्थितियों का सामना किया।’’

कार्यसमिति में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में सशस्त्र सेनाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना और अन्य कई साहसिक पहल की जमकर सराहना की गई। ज्ञात हो कि इस योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध हो रहा है।

शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी और तेलंगाना में भी परिवारवाद की राजनीति से मुक्ति मिलेगी और केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा ओड़िशा में भी भाजपा की सरकार बनेगी।

उधर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शाह की इस टिप्पणी का मजाक उड़ाया और कहा कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में लोगों ने भगवा खेमे की ‘‘विभाजनकारी राजनीति’’ को खारिज कर दिया था और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आई।

शाह की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया में टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा, ‘‘अगर भाजपा खुद को आईना दिखाए तो उसे पता चलेगा कि वह वंशवाद की राजनीति को कैसे बढ़ावा दे रही है। इसने बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के पूरे अधिकारी परिवार- शुभेन्दु और उनके दो भाइयों को अपने पाले में शामिल कर लिया तथा अमित शाह ने अपनी जनसभा में शुभेन्दु के पिता शिशिर अधिकारी को आमंत्रित किया था। और सिंधिया परिवार तथा कैलाश विजयवर्गीय के बेटे का क्या? तृणमूल कांग्रेस में ऐसा कुछ नहीं होता है।’’

सरमा ने कहा कि बैठक में यह ‘‘सामूहिक उम्मीद’’ दिखी कि भाजपा का अगले दौर का विकास दक्षिण भारत से होगा।



सरमा के मुताबिक, शाह ने हाल के विधानसभा और अन्य स्थानीय चुनावों में भाजपा को मिली जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि ये नतीजे विकास और बेहतर प्रदर्शन की राजनीति पर जनता की मुहर को दर्शाते हैं।

उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या पर राजनीतिक प्रस्ताव में किसी प्रकार का उल्लेख न किए जाने से जुड़े सवालों पर सरमा ने कहा, ‘‘इतना बड़ा देश है और हर घटना पर हम चर्चा कर सकते हैं, लेकिन मुद्दा है कि इसके पीछे मूल कारण क्या है। अगर कांग्रेस ने देश में तुष्टीकरण की राजनीति की शुरुआत न की होती, तो आज हम उदयपुर की घटना या इस प्रकार की किसी घटना का जिक्र नहीं कर रहे होते।’’

शाह ने कहा कि देश में ‘‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस’’ के आधार पर चुनाव लड़ा जा रहा है और हाल के विधानसभा और अन्य चुनावों में मिली जीत इसे दर्शाती भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘आठ साल के मोदी जी के शासन में प्रांतवाद, भ्रष्टाचार और पॉलिसी पैरालिसिस से मुक्ति मिली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘असम में भाजपा की विजय पूर्वोत्तर में भाजपा की स्थायी उपस्थिति का परिचायक है। मणिपुर में भी पार्टी की दोबारा सरकार आई है। पूर्वोत्तर भाजपा के गढ़ के रूप में स्थापित हुआ है।’’

शाह द्वारा पेश इस राजनीतिक प्रस्ताव का समर्थन सरमा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने किया। प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।