चेन्नई, चार दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि मंदिर लोगों के लिए होते हैं और यह किसी की निजी संपत्ति नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा कि राज्य हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग द्वारा सभी जातियों से ‘अर्चक’ (पुजारियों) की नियुक्ति सहित उठाये गये विभिन्न कल्याणकारी कदमों को समझ पाने में असमर्थ कुछ ताकतें निराधार आरोपों के साथ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाली सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

मुख्यमंत्री यहां एक प्रमुख मंदिर में 31 जोड़ों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए और विवाहित जोड़ों को ‘सीरवारीसाई’ (उपहार में दी जाने वाली वस्तुओं) का वितरण किया। कार्यक्रम यहां तिरुवनमियूर के अरुलमिगु मारुनथीश्वरार मंदिर में आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे राजशाही हो या लोकतंत्र, मंदिर केवल लोगों के लिए होते हैं। वे केवल जनता के लिए हैं, चाहे किसी भी प्रकार का शासन हो। मंदिर किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं। यह (एचआर एंड सीई) विभाग जस्टिस पार्टी के शासन के दौरान ही बनाया गया था।’’

इस क्षेत्र में द्रमुक के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि दिवंगत एम करुणानिधि के नेतृत्व वाली पार्टी की पिछली सरकारों में कई मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।