चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने राज्य में विलुप्त हो रहे गिद्धों के संरक्षण के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के वास्ते राज्य स्तरीय एक समिति का गठन किया है।

अपर मुख्य सचिव (सरकार, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं वन विभाग) सुप्रिया साहू के अनुसार, समिति घायल व बीमार गिद्धों के लिए बचाव केंद्र और गिद्ध संरक्षण प्रजनन केंद्र बनाएगी। इसके अलावा गिद्ध संरक्षण के लिए कार्य योजना (टीएनएपीवीसी) भी तैयार की जाएगी।

भारत में पाए जाने वाली गिद्ध की नौ प्रजातियों में से चार सफेद पीठ वाले गिद्ध, लंबी चोंच (लॉन्ग-बाइल्ड) वाले गिद्ध, लाल सिर वाले गिद्ध और मिस्र के गिद्ध तमिलनाडु में पाए जाते हैं।

इनके अलावा सलेंडर-बाइल्ड गिद्ध, हिमालयी गिद्ध, यूरेशियन ग्रिफॉन, बीयर्डेड गिद्ध और सिनेरियस गिद्ध भारत में पाई जाने वाली गिद्ध की अन्य प्रजातियां हैं।

इस समिति का कार्यकाल दो साल का होगा। समिति मृत मवेशियों को जहरीला होने से भी रोकेगी जो कि गिद्धों का एक प्रमुख भोजन होता है। मृत मवेशियों के निस्तारण के वैज्ञानिक प्रबंधन का सुझाव देगी और इसके अलावा मृत मवेशियों के नमूनों की जांच भी करेगी।

वह राज्य में गिद्धों की गणना भी करेगी।