अमृतसर (पंजाब): अमृतसर में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में कथित रूप से शामिल दो बदमाशों के साथ बुधवार को हुई मुठभेड़ के दौरान गांववालों को 1980 के दशक के भयानक मंजर याद आ गए, जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था।

पुलिस के अनुसार, बुधवार को हुई मुठभेड़ में बदमाश जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुसा मारे गए।

गांववालों ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला के कथित हत्यारे जिन मकान में छिपे थे, उस पर गोलियां चलाने से पहले पुलिस ने गांववालों को अपने-अपने खेतों को खाली करने को कहा था। गोलीबारी शुरू होते ही खेतों में काम कर रही महिलाएं घर की ओर दौड़ पड़ीं और अपने बच्चों को भी उन्होंने घर से बाहर जाने से रोक दिया।

खासा गांव के इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘‘ पुलिस वाहनों की भारी आवाजाही ने हमें एक बार फिर 1980 के दशक की, पंजाब के आतंकवाद वाले दिनों की याद दिला दी।’’

सिंह ने कहा, ‘‘ बच्चे डर गए थे क्योंकि उन्हें घर में बंद कर दिया गया था। लोग पशुओं के लिए चारा भी नहीं ला पा रहे थे।’’

एक अन्य ग्रामीण ने कहा, ‘‘ हम मक्की की कटाई कर रहे थे। तभी अचानक पुलिस की गाडिय़ां आईं और गोलीबारी शुरू हो गई।’’ इसी खेत में खड़ी ‘‘कंबाइन हार्वेस्टर मशीन’’ पर कुछ गोलियां लगीं।

पुलिस ने बताया कि अभियान के दौरान इलाके की घेराबंदी कर ली गई थी और लोगों से घरों में रहने को कहा गया था।

बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पुलिसकर्मी उस मकान के पास खड़े ट्रैक्टर एवं ट्रॉली की आड़ लेते नजर आए, जहां बदमाश छिपे थे। मौके पर दो बख्तरबंद वाहन और कुछ बुलेटप्रूफ वाहन भी नजर आए।

गौरतलब है कि गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को मानसा गांव में कुछ लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।