भुवनेश्वर : टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड ने मंगलवार को कहा कि उसने संसाधनों के अधिक कुशल उपयोग और इनका संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए ओडिशा में स्थित अपने पांच सक्रिय संयंत्रों में जल अंकेक्षण (ऑडिट) कराने का निर्णय लिया है।

कंपनी ने इसके लिए नयी दिल्ली स्थित ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट’ (टेरी) के साथ साझेदारी की है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह पहल संसाधनों के उपयोग और उसके संतुलन, गुणवत्ता प्रोफाइलिंग, पानी के नुकसान और रिसाव की पहचान से जुड़े व्यापक जल अंकेक्षण पर केंद्रित है।

कंपनी ने यह भी कहा कि यह टीएसएमएल को एक एकीकृत औद्योगिक जल प्रबंधन रणनीति विकसित करने में सक्षम बनायेगा जो पानी के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करता है और इसकी इकाइयों में इस संसाधन की उत्पादकता में सुधार करता है।

टीएसएमएल के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार सतीजा ने कहा, ‘‘हम भूजल इस्तेमाल को शून्य करने और वर्ष 2030 तक सतही जल सेवन में भी 30 प्रतिशत की कमी लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’