इंदौर (मध्यप्रदेश): देश के सबसे स्वच्छ नगर इंदौर में परिवहन व्यवस्था को मजबूत किए जाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शहर में मेट्रो परियोजना पर तेजी से काम जारी है और इसकी पहली लाइन अगले साल से शुरू हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आगामी नगरीय निकाय चुनावों के मद्देनजर शहर के प्रबुद्ध जनों से संवाद के कार्यक्रम में मंगलवार रात यह बात कही। उन्होंने कहा,‘‘हम चाहते हैं कि इंदौर को स्वच्छता की तरह परिवहन में भी देश का नंबर-एक शहर बनाया जाए। इस दिशा में हमारा संकल्प है कि इंदौर में 700 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो रेल की पहली लाइन 2023 तक शुरू कर दी जाए।’’

मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौर में मेट्रो रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद इसे पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र और धार्मिक नगरी उज्जैन सरीखे नजदीकी स्थानों तक बढ़ाए जाने की भी योजना है।

गौरतलब है कि सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 14 सितंबर 2019 को इंदौर में 7,500.80 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव रखी थी। इसके तहत शहर में 31.55 किलोमीटर लंबा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है।

मौजूदा मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इंदौर हवाई अड्डे से शहर के प्रमुख स्थानों को जोड़ने के लिए देश में अपनी तरह की पहली केबल कार चलाने पर विचार भी किया जाएगा ताकि सड़कों पर यातायात का दबाव कम किया जा सके।

उन्होंने बताया कि देश के सबसे साफ-सुथरे शहर में हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए निकट भविष्य में 200 से अधिक बिजली चालित बसें चलाई जाएंगी और 120 से ज्यादा स्थानों पर चार्जिंग केंद्र बनाए जाएंगे।

चौहान ने बताया कि सुनियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए इंदौर, महू और पीथमपुर को मिलाकर इंदौर मेट्रोपोलिटन क्षेत्र बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने स्टार्ट-अप, उद्योग-व्यापार जगत और लॉजिस्टिक्स (माल के परिवहन एवं आपूर्ति का काम) की करोड़ों रुपये लागत वाली सरकारी परियोजनाएं गिनाईं और एक बार फिर दावा किया कि इंदौर आने वाले 10 सालों में विकास के मामले में बेंगलुरु और हैदराबाद को पीछे छोड़ देगा।