औरंगाबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में समर्थन के लिए सत्ताधारी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के किसी भी नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया है।

ओवैसी ने नांदेड़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘यदि उन्हें हमारा समर्थन चाहिए तो उन्हें हमसे संपर्क करना चाहिए।’’

महाराष्ट्र की 288-सदस्यीय विधानसभा में एआईएमआईएम के दो सदस्य हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान निर्धारित है।

करीब दो दशकों के बाद राज्य में राज्यसभा चुनाव में मुकाबला होने जा रहा है क्योंकि छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं।

शिवसेना ने अपने दो उम्मीदवार संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारा है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन उम्मीदवारों केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक को मैदान में उतारा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा है ।

दो सीट जीतने के लिए भाजपा के पास पर्याप्त मत हैं जबकि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एक-एक सीट जीतने की स्थिति में हैं।

एआईएमआईएम ने सोमवार को नांदेड़ में अपने नेताओं की एक बैठक की, लेकिन राज्यसभा चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन का समर्थन करने या भाजपा का समर्थन करने को लेकर वह कोई फैसला नहीं कर सकी।

ओवैसी ने मंगलवार को कहा, ‘‘एमवीए से किसी भी नेता ने हमसे या महाराष्ट्र के हमारे विधायकों से संपर्क नहीं किया है। उन्हें यदि हमारा समर्थन चाहिए तो हमसे संपर्क करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि उन्हें हमारा समर्थन चाहिए तो ठीक है, नहीं तो हम एक-दो दिनों के भीतर अपना फैसला ले लेंगे कि किसे समर्थन करना है।’’

हालांकि औरंगाबाद से एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जो विधानसभा क्षेत्र पार्टी के पास हैं, उनसे जुड़े उनके कुछ मुद्दे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इन मुद्दों को सरकार के समक्ष रखेंगे। सत्ताधारी गठबंधन यदि भाजपा को हराना चाहता है तो उसे एआईएमआईएम का खुलकर समर्थन मांगना चाहिए।’’

इस बीच, शिवसेना के नेता एवं विधान परिषद के सदस्य अंबादास दानवे ने कहा कि एमवीए के नेता (मीडिया के जरिए पेश किए गए) ओवैसी के प्रस्ताव पर फैसला करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया में कहने से कुछ नहीं होने वाला। एआईएमआईएम को एमवीए के वरिष्ठ नेताओं से सीधे संपर्क करना चाहिए।’’