नयी दिल्ली: हरियाणा के फतेहाबाद में भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (इनेलो) की रविवार को होने वाली रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के फारूक अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई नेता मंच साझा करेंगे।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बीरेंद्र सिंह भी इनेलो के संस्थापक देवी लाल की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित इस रैली में हिस्सा लेंगे।

इतने सारे ‘क्षत्रपों’ के एक साथ एक मंच पर आने को ‘विपक्षी एकता’ को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। रैली के बाद नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इस प्रकिया को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता के सी त्यागी ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक रैली होगी, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समान विचारधारा वाले नेता सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एकजुट होंगे।”

भाजपा के साथ पिछले कुछ समय से चौधरी बीरेंद्र सिंह के रिश्तों में खटास आई है। हालांकि, उनके बेटे पार्टी की ओर से हरियाणा के हिसार से लोकसभा सदस्य हैं। त्यागी इस कोशिश में हैं कि रैली में विपक्ष के ज्यादातर नेता हिस्सा लें।

इनेलो के लिए यह रैली शक्ति प्रदर्शन का एक मौका है। दरअसल, ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला द्वारा इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी (जजपा) बनाकर भाजपा को समर्थन देने के बाद से पार्टी हरियाणा में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।

जजपा पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो के अधिकतर पारंपरिक मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में सफल रही थी। इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव अभय चौटाला ने कहा, “देशभर से विपक्षी दलों के नेता इस रैली में एक मंच पर होंगे, जिससे 2024 के आम चुनाव से पहले सभी दलों के बीच एकता को मजबूती मिलेगी।”