पणजी, 22 जुलाई (भाषा) गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दावा किया है कि राज्य में विपक्षी दलों के तीन विधायकों ने राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ की।

मुर्मू (64) ने विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर आदिवासी समुदाय से पहली राष्ट्रपति बनकर बृहस्पतिवार को इतिहास रच दिया। मुर्मू ने मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक वैध मत प्राप्त कर सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की।

सावंत ने बृहस्पतिवार रात पत्रकारों से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों को 25 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन मुर्मू को गोवा से 28 वोट मिले। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह स्पष्ट है कि विपक्ष से तीन वोट आए हैं। मुझे नहीं पता कि किन विधायकों ने मुर्मू का समर्थन किया, लेकिन मैं समर्थन के लिए उनका आभारी हूं।’’

मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मुर्मू शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्वाचित हुई हैं।

‘क्रॉस वोटिंग’ के आरोप को लेकर विपक्षी खेमे में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। कांग्रेस ने दावा किया कि उसके विधायक इसमें शामिल नहीं थे। कांग्रेस विधायक कार्लोस अल्वारेस फरेरा ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसा मान लेना उचित नहीं है कि ‘क्रॉस वोटिंग’ उनकी पार्टी की ओर से हुई। उन्होंने कहा, ‘‘क्रॉस वोटिंग किसी अन्य विपक्षी दल से भी हो सकती है। कांग्रेस एक एकजुट ताकत है।’’

हालांकि, विपक्षी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विधायक विजय सरदेसाई ने फरेरा की टिप्पणी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के एकजुट होने का बयान मेरे लिए खबर है।’’ उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि पार्टी में क्या हो रहा है और किसने ‘क्रॉस वोटिंग’ की होगी।